Durga Visarjan 2022, Vijayadashmi: देवी दुर्गा 5 अक्टूबर 2022 को वापस अपने लौक लौट जाएंगी. अश्विन माह की दशमी तिथि यानी कि दशहरा (विजयादशमी) के दिन मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है. नौ दिन तक मां दुर्गा ने महिषासुर से युद्धि किया था और दशमी पर उसका वध कर विजय को प्राप्त किया था. देशभर में 9 दिन तक नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है और फिर आखिरी दिन धूमधाम से माता को विदाई दी जाती है. आइए जानते हैं दुर्गा विसर्जन का मुहूर्त और विधि.
दुर्गा विसर्जन 2022 मुहूर्त (Durga visarjan 2022 Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन माह की दशमी तिथि 4 अक्टूबर 2022 को दोपहर 02 बजकर 20 मिनट से आरंभ हो रही है और इसका समापन अगले दिन 5 अक्टूबर 2022 को 12 बजे होगा. इस साल प्रात: काल में ही देवी दुर्गा का विसर्जन किया जाएगा क्योंकि दशमी तिथि 12 बजे बाद समाप्त हो रही है
दुर्गा विसर्जन मुहूर्त - सुबह 06.21 - सुबह 08.43 (5 अक्टूबर 2022)
अवधि - 2 घंटे 22 मिनट
मां दुर्गा के विसर्जन की विधि (Durga Visarjan Vidhi)
- विसर्जन से पहले देवी को कुमकुम, अबीर, गुलाल, हल्दी, अक्षत, लाल फूल, मौली चढ़ाएं. साथ ही जवारे का भी षोडोपचार से पूजन करें. याद रखें अखंड ज्योति को खुद से न बुझाएं.
- मां की आरती करें, फल-मिठाई का भोग लगाएं. घटस्थापना के समय मिट्टी के पात्र में बोए थोड़े से जवारे निकाल लें और इन्हें परिवार के बड़े-बुजुर्गों को देकर विजयादशमी की बधाई दें. कहते हैं इन जवारों को धन स्थान पर रखने से मां लक्ष्मी का वास होता है. धन-धान्य के भंडार भरे रहते हैं.
- घटस्थापना के कलश के जल को पूरे घर में छिड़कें और फिर इसे किसी गमले में डाल दें. ध्यान रहे जल को इधर-उधर ने फेंके. इससे मां दुर्गा नाराज हो जाएगी.
- ढोल, नगाड़ों के साथ नाचते-गाते देवी की प्रतिमा और बचे हुए जवारे विसर्जन के लिए ले जाएं. नदी-तालाब पर घाट किनारे एक बार फिर देवी की आरती उतारें और भूल-चूक की माफी मांगे और सदा कृपा बनाए रखने की कामना करें.
- अब गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठे स्वस्थानं परमेश्वरि। पूजाराधनकाले च पुनरागमनाय च।। मंत्र बोलते हुए सम्मान पूर्वक मां की प्रतिमा को नदी में विसर्जित करें.
- जवारे के साथ मां को चढ़ाई सामग्री, हवन की भस्म भी नदी में ही विसर्जित करें. घटस्थापना के समय कलश पर रखे नारियल को भी प्रवाहित कर दें.
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