Shardiya Navratri 2022 Maa Durga Statue: शारदीय नवरात्रि आने वाली है. पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरु होती है और दशमी तिथि को विसर्जन के साथ समाप्त होती है. इस बार यह नवरात्रि 26 सितंबर को शुरू होकर 5 अक्टूबर को समाप्त होगी. इस दौरान जगह-जगह पर मिट्टी से बनी मां दुर्गा के मूर्ति की स्थापना की जाती है. आइये जानें मां की मूर्ति बनाने के लिए मिट्टी कहां से लाई जाती है?


मां दुर्गा की मूर्ति किस मिट्टी से बनाई जाती है?


उत्तर और पूर्वोत्तर भारत में नवरात्रि (Navratri) का पावन त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. यह पर्व मुख्यतः 9 दिनों तक चलता है. इन 9 दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा विधि विधान से की जाती है. इस दौरान मिट्टी से बनाई गई मूर्ति विभिन्न पंडालों में स्थापित की जाती है और उस पंडाल को खूब सजाया जाता है.


इन पंडालों में मां की स्थापना के पहले माता दुर्गा रानी की मूर्ति तैयार की जाती है. इसके लिए मिट्टी कहां से लाई जाती है? आप यह जानकर जरूर आश्चर्य में पड़ जायेंगे कि मां दुर्गा की मूर्ति बनाने के लिए वेश्यालय की मिट्टी का उपयोग किया जाता है.


हिंदू धर्म की मान्यता के मुताबिक, गंगा की मिट्टी, गोमूत्र, गोबर और वेश्यालय की मिट्टी मिलाकर माता दुर्गा रानी की मूर्ति निर्मित की जाती है. हिंदू धर्म की यह परंपरा सदियों से चली आ रही है.


मां दुर्गा की मूर्ति बनाने के लिए क्यों लाई जाती है वेश्यालय की मिट्टी


वेश्यालय की मिट्टी से माता दुर्गा की मूर्ति बनाने के पीछे कई सारी मान्यताएं हैं. कहा जाता है कि वेश्याओं ने मां दुर्गा जी से प्रार्थना की थी कि उनके (वेश्यालय) आंगन से लाई हुई मिट्टी से ही मां की मूर्ति का निर्माण किया जाय. तब माता रानी ने उनकी प्रार्थना स्वीकार करते हुए वरदान दिया कि जो वेश्यालय की मिट्टी से बनाई गई मूर्ति की स्थापना कर विधि विधान से पूजा करेगा, उसी का व्रत फलीभूत होगा. तभी से मां दुर्गा की मूर्ति वेश्यालय के आंगन से लाई गई मिट्टी से बनाई जाने लगी.



 


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