Navratri 2023: नवदुर्गा के 9 रूप हैं वित्तीय ज्ञान की पाठशाला, मां ब्रह्मचारिणी से सीखें निवेश के ये खास गुण
Navratri 2023:खुशहाली, सुख-समृद्धि व शांति के पर्व नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा होती है. मां के ये रूप फाइनेंशियल मार्केट की सीख देते हैं. नवदुर्गा के रूपों से सीखें निवेश योजना के गुण.
Navratri 2023: नवदुर्गा की पूजा-अराधना के लिए समर्पित नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है, जो पूरे नौ दिनों तक चलता है. नवरात्रि आस्था और भक्ति के साथ ही मौज-मस्ती, आनंद और उमंग का भी पर्व है. क्योंकि इस पर्व में जहां पूजा-पाठ होते हैं, वहीं डांडिया और गरबा जैसे कई रोमांचक आयोजन भी होते हैं.
मां दुर्गा के रूप हैं वित्तीय ज्ञान की पाठशाला
नवरात्रि में लोग पूरे 9 दिनों तक माता रानी के 9 रूपों की पूजा करते हैं और उनसे सुखी जीवन व समृद्धि की कामना करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि, मां दुर्गा ने 9 रूप आपको फाइनेंशियल मार्केट की भी सीख देते हैं. इसलिए मां दुर्गा के इन 9 रूपों को वित्तीय ज्ञान की पाठशाला कहा जाता है. आज नवरात्रि का दूसरा दिन है और आज मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप फाइनेंस या निवेश के लिए क्या सिखाता है.
मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini)
मां ब्रह्मचारिणी को हिंदू धर्म में ध्यान और अध्यात्म का प्रतीक माना जाता है. इसका अर्थ है अध्यात्म और ध्यान हमें खुद को जानने की विधि सिखाते हैं, जिससे कि हम खुशहाली को प्राप्त कर सकते हैं .मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप आपको अप्रत्याशित घटनाओं के तैयार रहने की सीख देता हैं. इन्हें जीवन में आत्मसात आप निवेश और स्मार्ट बचत की सीख ले सकते हैं.
क्षणभंगुर इच्छाओं, सांसारिक इच्छाओं से ऊपर उठकर शांति और सहज एकाग्रता प्राप्त करने, पदार्थ पर मन की शक्ति का प्रतीक है मां ब्रह्मचारिणी. मां का ये अवतार हमें विलंबित संतुष्टि का गुण भी सिखाता है. यह रूप पूर्वाग्रहों से कैसे ऊपर उठना, लालच और भय पर कैसे काबू पाना है और मानसिक अनुशासन को विकसित करना भी सिखाता है.
अगर आप इस नवरात्रि अपनी वित्तीय योजना के आधार पर एक प्रभावी निवेश रणनीति तैयार करना चाहते हैं और अपनी मेहनत की कमाई को समझदारी से संभालने का लक्ष्य रखते हैं तो मानसिक अनुशासन विकसित करना आवश्यक हो जाता है. मां ब्रह्मचारिणी के गुणों को अपनाने से आप ना केवल अपने अतार्किक भय और लालच पर काबू पा सकते हैं. बल्कि आप बाजार में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव और भावनात्मक या व्यवहार संबंधी पूर्वाग्रहों के आधार पर अपने निवेश को बार-बार बदलने से बचेंगे और अपने निवेश को बनाए रखने में कामयाब होंगे.
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