Navratri 2023: नौ दिनों तक चलने वाले धर्म, आस्था, उपासना, उमंग और खुशहाली के पर्व नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर 2023 से हो चुकी है और आज 19 अक्टूबर 2023 को मां दुर्गा के पांचवे रूप देवी स्कंदमाता की पूजा की जाएगी.


नवरात्रि में भक्त पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं और जीवन में खुशहाली, समृद्धि और शांति की प्रार्थना करते हैं. लेकिन नवदुर्गा के इन रूपों से आप जीवन से जुड़ी कई सीख भी ले सकते हैं. देवी दुर्गा के ये 9 रूप आपको वित्तीय या फाइनेंस मार्केट से जुड़ी सीख देते हैं.


मां दुर्गा के रूप हैं वित्तीय ज्ञान की पाठशाला


मां दुर्गा के 9 विभिन्न रूप आपको निवेश व फाइनेंशियल मार्केट की भी सीख देते हैं. यही कारण है कि मां दुर्गा के इन 9 रूपों को ज्ञान की पाठशाला कहा जाता है. आज नवरात्रि का पांचवा दिन है और आज मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप देवी स्कंदमाता की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं देवी स्कंदमाता का स्वरूप आपको फाइनेंस या निवेश के लिए क्या सिखाता है?


देवी स्कंदमाता (Devi Skandamata)


हिंदू धर्म में स्कंदमाता को विवेक और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. मां का रूप हमें धनवान और समृद्ध के बीच अंतर को बताता है. क्योंकि धनवान होने से केवल अहंकार आ सकता है. लेकिन जो समृद्ध होते हैं उनके पास धन तो होता ही है और साथ ही ऐसे लोग धन की महत्ता को भी समझते हैं.


मां स्कंदमाता ज्ञान और निष्पादन के संगम का भी प्रतीक मानी जाती हैं. देवी दुर्गा का यह पांचवा अवतार भगवान स्कंद या भगवान कार्तिकेय की मां को संदर्भित करता है, जिन्होंने राक्षस तारकासुर को नष्ट किया था. देवी को बुराई के विरुद्ध कार्रवाई करने और बुद्धिपूर्ण निर्णय लेने के लिए जाना जाता है. मां के इस रूप से आप जो वित्तीय सबक सीख सकते हैं वह यह है कि, पर्याप्त ज्ञान के साथ सूचित वित्तीय निर्णय कैसे लें.


निवेश जगत में, निष्पक्ष वित्तीय निर्णय लेने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम होता है. उन सूचित निवेश निर्णयों को समय पर क्रियान्वित करने से आप अपने निवेश पर बेहतर नियंत्रण रख सकेंगे और अपने निवेश पोर्टफोलियो पर किसी भी नकारात्मक प्रभाव से बच सकेंगे. निवेश करते समय, निवेश के तरीकों और परिसंपत्ति का ध्यान रखें. साथ ही अपनी जोखिम उठाने की क्षमता और निवेश क्षितिज को पहचानें.


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