Navratri 2025: नवरात्रि का पर्व सिर्फ पूजा-अर्चना तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका सांस्कृतिक पहलू भी उतना ही महत्वपूर्ण है. नवरात्रि में खेले जाने वाले गरबा और डांडिया के बिना नवरात्रि का पर्व अधूरा माना जाता है. आखिर नवरात्रि में इसका इतना महत्व क्यों है? आइए जानते हैं- 



  • शक्ति का संवर्धन: नवरात्रि के नौ दिन देवी दुर्गा के 9 रूपों की पूजा होती है, जो शारीरिक और मानसिक शक्ति को जागृत करती है. इस समय ग्रहों में सकारात्मक बदलाव होते हैं, जो जीवन में सुख और सफलता लाते हैं.

  • चंद्रमा और ग्रहों का असर: चंद्रमा को मन और भावनाओं से जोड़ा जाता है. नवरात्रि के दौरान चंद्रमा की स्थिति मन की शांति और मानसिक ऊर्जा बढ़ाती है.


नवरात्रि में गरबा और डांडिया का महत्व (Garba Navratri 2025)



  • गरबा: गरबा शब्द का अर्थ होता है 'गर्भ' या 'आंतरिक दीपक'. यह देवी की पूजा का एक तरीका है. नवरात्रि के दौरान मिट्टी के बर्तन में दीपक जलाए जाते हैं, जिसे 'गरबी' कहा जाता है. इसे मां दुर्गा की शक्ति का प्रतीक माना जाता है. लोग इस बर्तन के चारों ओर घेरा बनाकर नृत्य करते हैं, जो जीवन और शक्ति के चक्र को दर्शाता है. गरबा नृत्य मां के लोकप्रिय गीतों पर किया जाता है और यह समर्पण का प्रतीक होता है.

  • गरबा का सांस्कृतिक महत्व: गरबा नवरात्रि का एक प्रमुख सांस्कृतिक आयोजन है, जो विशेष रूप से गुजरात और महाराष्ट्र में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. यह नृत्य देवी दुर्गा के प्रति श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है.

  • सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह: गरबा नृत्य के माध्यम से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. यह नृत्य समूह में सामूहिक एकता और सामंजस्य का प्रतीक होता है. गरबा के माध्यम से शरीर और मन में शांति और ऊर्जा का संचार होता है, जो ज्योतिषीय दृष्टि से शुभ माना जाता है.


डांडिया: डांडिया को देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच युद्ध का प्रतीक माना जाता है. इस खेल में जो छड़ी का उपयोग होता है, उसे मां दुर्गा की तलवार के रूप में देखा जाता है, जो बुराई के नाश और अच्छाई की विजय का प्रतीक है.


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