Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा के कैंची धाम का 59वां स्थापना दिवस 15 जून को है, जोर-शोर से चल रही भव्य मेले की तैयारी
Kainchi Dham: 15 जून को नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) के कैंची धाम का स्थापना दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर उत्तराखंड के कैंची धाम में भव्य मेला लगता है और लाखों भक्तों की भीड़ जुटती है.
Neem Karoli Baba Kainchi Dham Foundation Day: उत्तराखंड के नैनीताल जिले से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर कैंची धाम (Kainchi Dham) स्थित है. इसे देश-दुनिया के श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक माना जाता है. कैंची धाम से कई चमत्कारिक कहानियां भी जुड़ी हैं.
कैंची धाम के बाबा नीम करोली (Neem Karoli Baba) की ख्याति भी देश-विदेश तक फैली है. आमजन से लेकर देश-विदेश के राजनेता, खिलाड़ी, सेलेब्रिटी और जानी-मानी हस्तियां नीम करोली बाबा के भक्त हैं. कैंची धाम को लेकर ऐसी मान्यता है कि, बाबा के इस चमत्कारिक धाम में जो भी आता है वह खाली हाथ नहीं लौटता है.
15 जून को कैंची धाम का 59वां स्थापना दिवस
हर साल 15 जून के दिन कैंची धाम का स्थापना दिवस (Kainchi Dham Sthapna diwas) मनाया जाता है. इस मौके पर यहां भव्य मेला लगता है, जिसकी तैयारियां कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती है. बता दें कि नीम करोली बाबा पहली बार 1961 में यहां आए थे. बाबा ने अपने मित्र पूर्णानंद के साथ मिलकर कैंची धाम में आश्रम (Kainchi Dham Ashram) बनाने पर विचार किया था. इसके बाग 15 जून 1964 में इस आश्रम की स्थापना की थी. इस साल कैंची धाम आश्राम का 59वां स्थापना दिवस (Kainchi Dham 59th Foundation Day) मनाया जाएगा.
जोर-शोर से चल रही स्थापना दिवस की तैयारी
हर साल बाबा के दिव्य आश्रम कैंची धाम का स्थापना दिवस भव्य तरीके से मनाया जाता है. यहां मेले का भी आयोजन होता है, जिसमें देश-विदेश से लाखों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस बार भी दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. इस बार भी कैंची धाम के स्थापना दिवस पर भव्य मेले के साथ विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा. स्थापना दिवस पर बाबा को मालपुए का भोग लगाया जाता है और फिर भक्तों के बीच इसे प्रसाद के रूप में बांटा जाता है.
खबरों के अनुसार, इस साल मालपुए का भोग तैयार करने के लिए मथुरा के सोंख गांव से 45 कारीगर कैंची धाम पहुंचे हैं. कारीगरों के साथ ही कैंची धाम ट्रस्ट के कई लोग भी इसमें अपना सहयोग दे रहे हैं. प्रसाद वितरण के लिए मंदिर के ट्रस्ट द्वारा दिल्ली से 35 क्विंटल कागल की थैलियां मंगवाई गई हैं. वहीं यायातात और भक्तों की सुविधाओं के लिए मंदिर प्रशासन भी तैयारियों में जुटा हुआ है.
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