New Year 2023: साल का पहला दिन अधिकतर लोगों के लिए बहुत मायने रखता है. कोई इस दिन अपनी अदतों में बदलाव का संकल्प लेता है तो किसी को नववर्ष से कई तरह की आशाएं होती है. हर व्यक्ति सोचता है कि आने वाले साल 2023 के पहले दिन क्या विशेष किया जाए जिससे साल भर लाभ प्राप्त हो, परेशानियां दूर रहें.


पंचांग के अनुसार नए साल 2023 का पहला दिन काफी शुभ माना जा रहा है. इस दिन की शुरुआत अगर पूजा-पाठ से हो तो पूरा साल अपार खुशियां, धन, समृद्धि प्रदान करेगा. आइए जानते हैं साल 2023 में मां लक्ष्मी के साथ किस देवता की पूजा से ये पुण्य फल प्राप्त होगा.


साल 2023 का पहला दिन है खास


साल 2022 खत्म होने वाला है फिर नव वर्ष 2023 का आंरभ होगा. हर व्यक्ति चाहता है कि नए साल की दस्तक के साथ ही उनके घर में सुख-समृद्धि की भी दस्तक हो. ऐसे में साल का पहला दिन ‌विशेष महत्व रखता है. साल 2023 में पहले दिन की शुरुआत यानी कि 1 जनवरी 2023 (1 January 2023) को रविवार के दिन से हो रही है. ऐसे में मां लक्ष्मी के साथ सूर्य देवता की पूजा से धन के साथ स्वास्थ लाभ का आशीष भी मिलेगा.


साल के पहले दिन किन देवी-देवताओं की करें पूजा:


सुख-समृद्धि के लिए


हर शुभ काम की शुरुआत गणपति जी की आराधना से की जाती है, क्योंकि ये प्रथम पूजनीय माने गए है. साल का पहला दिन शुभ हो इसलिए दूर्वा, लड्‌डू भगवान गणेश को अर्पित कर इस दिन का आरंभ करें. गौरी पुत्र गजानन विघ्नहर्ता कहलाए गए हैं, जो सच्चे मन से इनका स्मरण करता है ये उसके सारे विघ्न हर लेते हैं. रिद्धि- सिद्धि के दाता गणपति जी चतुर और तीव्र बुद्धि के स्वामी हैं इनकी उपासना से भक्तों की बुद्धि भी तीक्ष्ण हो जाती है और शुभता के द्वार खुलते हैं.


धन वृद्धि के लिए


धन की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी की कृपा हर व्यक्ति पाना चाहता है. साल 2023 के पहले दिन मां लक्ष्मी की विधि वत पूजा करने से धन के साथ वैभव, यश, सम्मान, संपत्ति प्राप्त होती है. मां लक्ष्मी का संबंध शुक्र ग्रह से है जिसे सुख समृद्धि का कारक माना जाता है. शुक्र को सफेद रंग अति प्रिय है. चावल मां लक्ष्मी का भी प्रिय अनाज है. ऐसे में साल के पहले दिन देवी लक्ष्मी को पूजा में चावल अर्पित करें और फिर पूजन में चढ़ाए थोड़े से चावल अपने पर्स में रख लें. इससे सालभर बरकत बनी रहेगी. अनावश्यक खर्चा रुकेगा. माँ लक्ष्मी जी पूजा हमेशा भगवान भगवान विष्णु जी के साथ करनी चाहिए, इससे देवी जल्द प्रसन्न होती हैं.


तरक्की के मार्ग खुलेंगे


इस युग में सूर्य देव ही एकमात्र साक्षात देवता हैं. साल 2023 के पहले दिन रविवार पड़ रहा है जो सूर्य को समर्पित है, साथ ही पौष माह भी जारी रहेगा. पौष माह में सूर्य की उपासना उत्तम फलदायी मानी गई है. ऐसे में आने वाले नए साल के पहले दिन से ही उगते हुए सूर्य को ताबें के लौटे में जल, गुड़ और सिंदूर मिलाकर अर्पित करें. ये हर कार्य में सफलता दिलाएगा.


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