(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Nirjala Ekadashi 2020: ये लोग न रखें निर्जला एकादशी का व्रत, हो सकती है परेशानी
Nirjala Ekadashi का व्रत एक कठिन व्रत है. इसलिए इस व्रत का पुण्य भी कई गुना प्राप्त होता है. कई लोग इस व्रत को रखने की इच्छा रखते हैं. लेकिन इन लोगों को यह व्रत नहीं रखना चाहिए.
Nirjala Ekadashi Vrat: निर्जला एकादशी का व्रत सबसे पवित्र व्रतों में से एक है. 2 जून को निर्जला एकादशी है. महिलाओं में इस व्रत को लेकर अटूट आस्था देखी जाती है. कह सकते हैं महिलाओं के बीच यह व्रत बहुत लोकप्रिय है. लेकिन पुरूष भी इस व्रत को बड़ी संख्या में रखते हैं. इस व्रत को विशेष फलदायी माना गया है.
निर्जला एकादशी का व्रत स्वस्थ्य व्यक्ति को ही रखना चाहिए. क्योंकि इस व्रत में जल और अन्य का त्याग करना बताया गया है. यह व्रत इसलिए कठिन माना जाता है कि इस व्रत में जल का पूरी तरह से त्याग करना होता है. जब तब निर्जला एकादशी का पारण न हो जाए तब तक जल ग्रहण नहीं किया जाता है. यह लंबी अवधि का व्रत होता है. क्योंकि दशमी की तिथि समाप्त होते ही जैसे ही एकादशी तिथि का आरंभ होता है वैसे ही निर्जला एकादशी का व्रत आरंभ हो जाता जो द्वादशी की तिथि आरंभ होने पर समाप्त होता है. इस लिहाज से देखा जाए तो इस व्रत की अवधि लगभग दो से ढाई दिन की हो जाती है.
इन लोगों को नहीं रखना चाहिए इस व्रत में कुछ भी नहीं खाया जाता है इसलिए उन लोगों को यह व्रत नहीं रखना चाहिए जो किसी गंभीर रोग से पीड़ित है या फिर स्वस्थ्य नहीं है. जानकारों की मानें तो जो लोग डायबिटीज और ब्लड प्रेशर जैसे रोगों से पीड़ित हैं तो उन्हें यह व्रत नहीं रखना चाहिए.
ऐसे करें पूजा जो लोग निर्जला एकादशी का व्रत नहीं रख पा रहे हैं वे पूजा कर सकते हैं. मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से भी पुण्य प्राप्त किया जा सकता है. जो लोग व्रत नहीं रख पा रहे हैं दान आदि के कार्य कर सकते हैं. इससे भी लाभ प्राप्त होता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और जल से भरे कलश का दान करें. गर्मी से राहत दिलानी वाली चीजों का दान इस दिन श्रेष्ठ माना गया है.