Nirjala Ekadashi 2021: इस व्रत से मिलेगा 24 एकादशियों का पुण्य लाभ, जानें व्रत नियम, कथा और अन्य जरूरी जानकारी
Nirjala Ekadashi 2021 Vrat: वैसे तो साल में 24 एकादशियां पड़ती हैं. परंतु ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी व्रत रहने से सभी 24 एकादशियों के बराबर पुण्य लाभ मिलता है. आइये जानें व्रत नियम, कथा और पूजा विधि.
Nirjala Ekadashi 2021 Vrat: हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर माह में दो एकादशी तिथि पड़ती है. एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में. इस प्रकार एक साल में कुल 24 एकादशी {मलमास के वर्ष को छोड़कर} होती है. वैसे तो हर एकादशी का अपना विशेष महत्त्व होता है, परंतु ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का अति विशिष्ट महत्त्व है. इस एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं. धार्मिक मान्यता है कि केवल एक निर्जला एकादशी व्रत रहने से ही 24 एकादशियों के बराबर पुण्य लाभ मिलता है.
निर्जला एकादशी व्रत कब?
इस बार निर्जला एकादशी का व्रत 21 जून को रखा जाएगा और पारण 22 जून को होगा. हालांकि एकादशी तिथि 20 जून 2021 की शाम 4 बजे से ही शुरू हो जाएगी और 21 जून को दोपहर 1.30 बजे तक रहेगी.
निर्जला एकादशी व्रत नियम
धार्मिक मान्यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत भगवान विष्णु के निमित्त रखा जाता है. कहा जाता है कि यह व्रत रखने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है और जन्म-जन्मों के बंधन से मुक्ति मिलती है. इसमें पूरे व्रत के दौरान एक बूंद भी जल ग्रहण नहीं किया जाता है. इस व्रत में पारण के बाद ही अन्न-जल ग्रहण किया जाता है.
निर्जला एकादशी व्रत की पूजा विधि
इस दिन प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं. उसके बाद घर के पूजा स्थल पर जाकर भगवान विष्णु को स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें. अब भगवान विष्णु के सामने पुष्प, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्य और प्रसाद वितरण के लिए मिठाई चढ़ाएं. अब व्रत कथा पढ़े या सुनें. दीपक जलाकर आरती करें. इसी तरह शाम को भी और पारण के दिन भी भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करें. निर्जला एकादशी व्रत का पारण 8 बजे तक रखें.
निर्जला एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त
- निर्जला एकादशी तिथि : 21 जून 2021
- एकादशी तिथि शुरू : 20 जून को शाम 04 बजकर 21 मिनट से
- एकादशी तिथि समाप्त: 21 जून दोपहर 01 बजकर 31 मिनट तक
- पारण का समय : 22 जून सुबह 5 बजकर 13 मिनट से 08 बजकर 01 मिनट तक