Shani Dev: शनि देव को कोसने से कुछ नहीं होगा, अपने कर्मों को सुधारें
Shani Dev: शनि ग्रह का ज्योतिष में विशेष स्थान है. शनि कर्म, सत्ता तथा आय का कारक ग्रह है. इस कारण युवावस्था से लेकर वृद्ध होने तक शनि प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावित करता है.
Shani Dev: मकर तथा कुंभ राषि पर इनका आधिपत्य है तो पुष्य, अनुराधा, उत्तरा भाद्रपद इनके नक्षत्र है. सामाजिक जीवन में शनि को लोकतांत्रिक परम्परा का प्रतिनिधि ग्रह भी माना गया है. इसलिए राजनैतिक स्तर पर सफलता या असफलता इन्हीं पर निर्भर करती है.
सामान्य लोगों की ऐसी सोच होती है कि शनि देव सिर्फ तकलीफ देते हैं. लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल विपरित है और सच्चाई ये है कि शनि देव व्यक्ति को उनके कर्म के अनुसार फल देते है. बजाय दुख के कारण बनने के. शनि न्यायाप्रिय होने के साथ गलत और अनैतिक कार्य भी रोकते है और जो लोग दूसरो का भला करते है, शनि देव उनके साथ कभी गलत नहीं करते. इसलिए शनि को अपना हमसफर मानें. वो किसी के पर्सनल दुश्मन नहीं है. लेकिन हमारी फितरत क्या होती है कि जैसे ही हमें बुरे फल प्राप्त हुए, हम शनि देव को कोसने लगते हैं, लेकिन ये सिर्फ और सिर्फ हमारे बुरे कर्मों का रोल होता है.
जब ग्रहों का वर्गीकरण किया गया. तो उस दौरान शनि देव को दर्जा दिया गया चतुर्थ श्रेणी का. जैसे सूर्य देव को ग्रहों का राजा, मंगल को सेनापति, बुध को मंत्री की उपमा दी गई. शनि देव स्लो होते हुए भी तरक्की देते हैं. जिनकी कुंडली में शनि पहले, चौथे, सातवां या दशम भाव में अपनी राशि मकर या कुंभ में विराजमान हो तो उनकी कुंडली में शश योग बनता है जो कि एक राज योग भी है. जिनकी कुंडली में ऐसे योग बन रहे है वो गरीब परिवार में जन्म लेने के बावजूद समाज में नाम, शौहरत और दौलत पाते हैं.
शनि ग्रह तुला, मकर तथा कुंभ राशि में स्त्री स्थान में, स्वयं के घर में हो, स्वयं शनि की दशा में, राशि के अंत भाग में, कृष्ण पक्ष में तथा वक्री हो तो शनि बलवान होकर जातक को फर्श से अर्श तक पहुंचाते है.
शनि के उपाय
आपके घर, ऑफिस, दुकान या फैक्ट्री में कोई काम करने वाला कर्मचारी है और अगर आप उनके दिल को दुःख नहीं पहुंचाते है तो यकीन मानिए आप शनि देव को डायरेक्ट इम्प्रेस करने में कामयाब होंगे. साथ ही जैसे ही आप अपने से नीचे के तबके के लोगों को अपशब्द या उनके साथ कुछ बुरा करते हैं तो शनि देव अशुभ फल देते हैं. शनि की अशुभता से बचने के लिए ये उपाय कर सकते हैं-
- प्रत्येक शनिवार को गुड़ मिश्रित जल से सूर्यदेव को अर्घ्य दें.
- माता-पिता और गुरूजन की सेवा करें.
- प्रत्येक शनिवार को एक कटोरी मीठा तेल और आटा किसी जरूरतमंद को दान करें.
- मजदूर, गरीब और जरूतमंद की सहायता करें और हो सकें तो शनि अमावस्या को भोजन करवाएं.
- प्रत्येक शनिवार को संध्या समय में शनि चालीसा का पाठ कर ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः मंत्र का 3 माला जाप करें.
- माणिक्य और पुखराज किसी ज्योतिषीय की सलाह से धारण करें.
- शनि जयंती के दिन काले तिल, काला कपड़ा, सरसों का तेल तथा लोहे का दान करें.
- काले घोड़े की नाल घर में लगाएं और शनिवार के दिन शनि छल्ला धारण करें.