November 2023 Vrat Tyohar List: अंग्रेजी कैलेंडर का 11वां महीना नवंबर बहुत ही शुभ दिन से शुरू हो रहा है. 1 नवंबर 2023 को करवा चौथ है. इस दिन स्त्रियां पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत करती हैं. नवबंर का महीना त्योहार से भरा है. इस माह में मां लक्ष्मी की विशेष पूजा दिवाली पर की जाएगी. इससे पहले धनतेरस पर खरीदारी के लिए कई शुभ संयोग बन रहे हैं. दीपोत्सव का समापन भाई दूज पर होता है. इस दिन बहने भाई को तिलक कर उसके उज्जवल भविष्य की कामना करती हैं.
इस महीने कार्तिक माह भी रहेगा, जो भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपसाना के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है. नवंबर में देवउठनी एकादशी पर चातुर्मास का समापन होगा, तुलसी विवाह से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगें. जानें नवंबर महीने के व्रत-त्योहार की डेट.
नवबर व्रत-त्योहार 2023 डेट (November 2023 Vrat Festival calendar)
1 नवंबर 2023 (बुधवार) - करवा चौथ, वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी
इस दिन विवाहित स्त्रियां अपने सुहाग की सलामति, सुखी वैवाहिक जीवन के लिए सूर्योदय से चंद्रोदय तक करवा चौथ का निर्जला व्रत करती हैं. चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही ये व्रत पूरा होता है.
5 नवंबर 2023 (रविवार) - अहोई अष्टमी, कालाष्टमी, राधा कुंड स्नान, रवि पुष्य योग
अहोई अष्टमी व्रत संतान प्राप्ति और बच्चों की खुशहाली के लिए रखा जाता है, इसमें शाम को तारों को अर्घ्य देकर व्रत का समापन करते हैं.
9 नवंबर 2023 (गुरुवार) - रमा एकादशी, गोवत्स द्वादशी
कार्तिक माह में आने वाली रमा एकादशी दिवाली से 4 दिन पहले आती है. रमा यानि मां लक्ष्मी. इसमें लक्ष्मी नारायण की पूजा करने पर धन-सुख की कमी नहीं होती.
10 नवंबर 2023 (शुक्रवार) - धनतेरस, शुक्र प्रदोष व्रत, यम दीपक, पंचक शुरू
धनतेरस पर कुबेर देव, मां लक्ष्मी और आयुर्वेद के जनक भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है. इस दिन से दिवाली के 5 दिन का त्योहार शुरू हो जाता है.
11 नवंबर 2023 (शनिवार) - काली चौदस, हनुमान पूजा, मासिक शिवरात्रि
काली चौदस को रात्रि में मां काली की पूजा का विधान है. कहते हैं जैसे दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा से धन प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है उसी तरह देवी काली की कृपा से जीवन के सारे कष्ट दूर होते हैं.
12 नवंबर 2023 (रविवार) - दिवाली, नरक चतुर्दशी
इस साल नरक चतुर्दशी और दिवाली एक ही दिन है. नरक चतुर्दशी पर श्रीकृष्ण की पूजा का विधान है. वहीं दिवाली के दिन रात्रि में मां लक्ष्मी की उपासना करने से ऐश्वर्य, धन, कीर्ति की प्राप्ति होती है.
13 नवंबर 2023 (सोमवार) - कार्तिक अमावस्या
कार्तिक माह में आने वाली अमावस्या बहुत खास होती है. इस दिन पितरों की पूजा, पवित्र नदी में स्नान,-दान करने से पितृ दोष, शनि दोष और कालसर्प दोष दूर होता है.
14 नवंबर 2023 (मंगलवार) - गोवर्धन पूजा, अन्नकूट, भाई दूज, यम द्वितीया
इस साल गोवर्धन पूजा और भाई दूज भी एक ही दिन पड़ रहे हैं. गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण को 56 प्रकार के भोग लगाए जाते हैं क्योंकि उन्होंने 7 दिन तक भूखे-प्यासे गांव वालों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत एक उंगली पर उठाया था. वहीं कहते हैं भाई दूज के दिन जो बहन भाई को तिलक करती है उसे यमराज परेशान नहीं करते.
16 नवंबर 2023 (गुरुवार) - कार्तिक विनायक चतुर्थी
17 नवंबर 2023 (शुक्रवार) - नागुला चौथ, वृश्चिक संक्रांति
18 नवंबर 2023 (शनिवार) - लाभ पंचमी, स्कंद षष्ठी
19 नवंबर 2023 (रविवार) - छठ पूजा, जलाराम बापा जयंती, भानु सप्तमी
छठ पूजा आस्था का महापर्व माना गया है. इस व्रत में महिलाएं-पुरुष 36 घंटे का निर्जला व्रत कर छठी मैया और सूर्यदेव से संतान सुख, संतान की सुरक्षा,लंबी आयु की कामना करती हैं.
20 नवंबर 2023 (सोमवार) - गोपाष्टमी, पंचक शुरू
21 नवंबर 2023 (मंगलवार) - अक्षय नवमी
23 नवंबर 2023 (गुरुवार) - भीष्म पंचक शुरू, देवउठनी एकादशी
देवउठनी एकादशी पर 5 माह के चातुर्मास का समापन होगा. इस दिन देव निद्रा से जागेंगे और सारे मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे.
24 नवंबर 2023 (शुक्रवार) - तुलसी विवाह, योगेश्वर द्वादशी, शुक्र प्रदोष व्रत
इस दिन श्रीहरि विष्णु के शालिग्राम रूप और माता तुलसी का विवाह कराया जाता है.
25 नवंबर 2023 (शनिवार) - बैकुंठ चतुर्दशी, विश्वेश्वर व्रत
साल में सिर्फ एक ही दिन ऐसा है बैकुंठ चतुर्दशी, जब श्रीहरि को बेलपत्र और शिव जी को तुलसी चढ़ाई जाती है.
26 नवंबर 2023 (रविवार) - मणिकर्णिका स्नान, देव दिवाली
देव दिवाली पर मान्यता है कि इस दिन समस्त देवतागण मणिकर्णिका घाट पर गंगा स्नान के लिए आते हैं. यही वजह है कि इस दिन गंगा स्नान से अमृत की प्राप्ति होती है. शाम को घाट पर दीपक जलाए जाते हैं. नदी में दीप दान किया जाता है.
27 नवंबर 2023 (सोमवार) - कार्तिक पूर्णिमा, पुष्कर स्नान, गुरु नानक जयंती, कार्तिक माह समाप्त
कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्री गुरु नानक जी का जन्मदिन भी मनाया जाता है. गुरू नानक जी की जयंती या गुरुपूरब भी कहते हैं. गुरु नानक देव जी ने ही सिख धर्म की स्थापना की थी.
30 नवंबर 2023 (गुरुवार) - गणाधिप संकष्टी चतुर्थी (मार्गशीर्ष माह)
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