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महाराष्ट्र में हो गई शपथ, सरकार का काम कैसा रहेगा अभी से जान लें

महाराष्ट्र सरकार को शासन चलाने में कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं आने वाली है. दशम भाव में में शनि हैं, लेकिन सूर्य के ऊपर शनि की दृष्टि होगी, यह समस्या बीच-बीच में परेशान करेगी.

देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के आजाद मैदान में शुभ मुहूर्त में देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ली है. ये सरकार कैसा काम करेगी, नई सरकार के सामने क्या-क्या चुनौतियां रहेंगी, सहयोगी दलों के नेताओं के आपसी संबंध क्या सरकार का कमजोर करेंगे?  इसका उत्तर ज्योतिष से जानते हैं-

महाराष्ट्र की नई सरकार ने  5 दिसंबर 2024 को शाम 5:30 बजे शपथ ग्रहण की है. अब देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हो चुके हैं. वहीं सबकी नज़रें एकनाथ शिंदे और अजीत पवार पर भी टिकी हैं. जिस समय शपथ ली गई उस समय पंचांग के अनुसार वृषभ लग्न था, जो एक अच्छा और स्थिर लग्न माना जाता है. वृषभ लग्न में बृहस्पति महाराज और उससे सप्तम भाव में सूर्य और बुध विराजमान थे. तीसरे भाव में मंगल. पंचम भाव में केतु, नवम भाव में शुक्र और चंद्र युति बनी थी. दशम स्थान में शनि और एकादश भाव में राहु जैसे ग्रह अपनी उपस्थिति से सरकार को विभिन्न प्रकार से प्रभावित करने के योग बना रहे हैं.

शपथ ग्रहण समारोह के शुरू होते समय चंद्रमा मकर राशि में श्रवण नक्षत्र में गोचर कर रहा था, तथा लग्न वृषभ रोहिणी नक्षत्र में था. यह एक बहुत अच्छा योग है. यहां कई अच्छे योग संभालने की कोशिश की जा रही है. जहां लग्न स्थिर होने से और लग्न में बृहस्पति के होने से सरकार में स्थिरता की संभावना बढ़ेगी, वहीं बृहस्पति लग्न में होने से कई सारी समस्याओं को साधने में मदद करेंगे और सरकार अच्छे निर्णय लेगी. यानि जो लोग ये समझते हैं सरकार कमजोर रहेगी तो ज्योतिष की गणना से ऐसा कहना मुश्किल है. 

लग्नेश शुक्र नवम स्थान में बैठकर भाग्य वृद्धि में सहायक बनेंगे और वहीं नवमेश शनि दशम भाव में बैठकर प्रबल राजयोग बना रहे हैं. 11वें भाव का राहु और तीसरे भाव का मंगल सरकार को बराबर साहस, जोखिम उठाने की प्रवृत्ति और मजबूती प्रदान कर रहे हैं, जिससे सरकार बड़े से बड़ा निर्णय लेने में सक्षम रहेगी और अपने फैसलों से विरोधियों को चौंका सकती है.

सप्तम भाव में सूर्य और बुध की उपस्थिति सरकार की शुरुआत में बहुत अच्छे फल प्रदान करने जा रही है. सहयोगी बहुत बुद्धिमानी से हर काम में अपना भी योगदान देते दिखाई दे रहे हैं. यानि आपसी सामंजस्य बना रहेगा, लेकिन सप्तमेश मंगल का तीसरे भाव में होना आने वाले समय में सहयोगियों से संघर्ष की स्थिति भी बनता है. ऐसे में सरकार मजबूत तो रहेगी लेकिन उसे सावधान रहकर हर कार्य करना होगा और अपने सहयोगियों को लगातार साथ बनाए रखने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी. क्योंकि वह बीच-बीच में अपनी बातें उठाते रहेंगे और सरकार पर दबाव भी डालने की कोशिश करेंगे. यहां पर शीर्ष नेताओं की भी भूमिका अहम हो जाती है. लग्न में गुरु होने के कारण शीर्ष नेतृत्व समय समय पर एक्टिव तो रहेगा लेकिन देरी की वजह से कुछ दिक्कतें आ सकती हैं.

महाराष्ट्र सरकार को शासन चलाने में कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं आने वाली है क्योंकि दशम भाव में मजबूत स्थिति में शनि विराजमान रहेंगे लेकिन सूर्य के ऊपर शनि की दृष्टि होगी, यह समस्या बीच-बीच में परेशान करेगी और इससे कई बार जनता को लगेगा कि सरकार उनके प्रति कठोर व्यवहार अपना रही है.

पंचम भाव में केतु कन्या राशि के होने से शिक्षा के क्षेत्र में कुछ समस्याएं हो सकती हैं और सरकार को अपनी नीतियों के कारण बैक फुट पर आने की स्थिति बन सकती है लेकिन एकादश के राहु उन्हें इन समस्याओं से बाहर निकलने में मदद करेंगे. शुक्र व चंद्र के नवम भाव में होने से महिलाओं के प्रति सरकार कुछ विशेष नीतियों को लेकर आ सकती है, जिससे उन्हें लाभ होगा.

सरकार अपने कार्यकाल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कुछ नई योजनाएं चला सकती है और कुछ नए क्षेत्रों का विकास करने का प्रयास रहेगा ताकि अधिक से अधिक पर्यटक आएं और सरकार को राजस्व की प्राप्ति हो सके. 

धर्म का प्रभाव सरकार के शासन में और शिक्षा में विशेष रूप से दृष्टिगोचर हो सकता है. चिकित्सा के क्षेत्र में सरकार को कुछ बड़े निर्णय लेने की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि समय के साथ यह मांग उठने लगेगी लेकिन ऐसी भी संभवना है कि सरकार की कुछ नीतियों के लिए लोग उनका विरोध करें. जहां तक विरोधियों की बात है तो वह बीच-बीच में समस्याएं खड़ी करेंगे लेकिन सरकार मजबूती से उनका दमन करने में कामयाब रहेगी.

कमजोर वर्ग के लिए सरकार कुछ नई धन प्रदायक योजनाओं की शुरुआत कर सकती है और स्टार्टअप को बढ़ावा देने तथा युवाओं को रोजगार देने की दिशा में कुछ नई योजनाएं शुरू की जा सकती हैं.

किसानों के लिए भी कुछ अच्छी घोषणा होने की उम्मीद है लेकिन इसके साथ ही यह भी संभव है कि उस योजना के प्रति किसान सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दें लेकिन बाद में सरकार स्थिति को संभाल कर किसानो को अपनी तरफ करने में सफल रहेगी.

सरकार को सहयोगी दलों के साथ सहयोगात्मक रवैया रखना चाहिए क्योंकि वह बहुत बुद्धिमानी से हर मामले में अपनी राय रखेंगे. शनि की सूर्य पर दृष्टि और सप्तमेश का तीसरे भाव में नीच राशि में होना यह दर्शाता है कि कुछ ऐसी स्थितियां भी सामने आएंगी जब अपने सहयोगी दल ही खुलकर सरकार का विरोध कर सकते हैं लेकिन अच्छी बात यह है कि मंगल पर शुक्र और चंद्र की दृष्टि के कारण और लग्न में बृहस्पति के कारण सरकार इस स्थिति से भी निकल जाएगी.

प्राकृतिक आपदा और पानी की समस्या पर सरकार को बहुत ज्यादा ध्यान देने पड़ेगा क्योंकि यह समस्याएं मुंह उठा सकती हैं और सरकार के लिए इनको सुधारना बहुत मुश्किल काम होगा. सरकार की महत्वकांक्षाएं बहुत अधिक होंगी, जिन्हें पूरा करने के लिए उन पर दबाव रहेगा. बॉलीवुड को लेकर भी कुछ नई बातें सामने आ सकती हैं, जिसमें सरकार का हस्तक्षेप होगा. नई सरकार ने ध्रुव योग में शपथ ली है, जो इसको मजबूत स्थिति प्रदान कर रहा है, लेकिन ध्रुव की ही भांति सरकार को भी अपना प्रभाव जमाने और खुद को मजबूत बनाने के लिए कठिन प्रयास करने होंगे.

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