Hanuman Jayanti: रामायण की एक चौपाई से हनुमान जी को ऐसे प्रसन्न करें, ये है तरीका
हनुमान जयंती के दिन रामायण का पाठ श्रेष्ठ माना गया है. रामायण की प्रत्येक चौपाई को मंत्र के समान माना गया है. रामायण की कुछ चौपाई तो ऐसी हैं जिनकी बारे में मान्यता है कि ये लाखों मंत्रों के बराबर हैं.
Hanuman Jayanti 2020: चैत्र पूर्णिमा 8 अप्रैल को है. इस दिन को हनुमान जयंती है. इस दिन हनुमान जी का जन्म दिन मनाया जाता है. हनुमान जी रामभक्त थे. भगवान श्रीराम का नाम लेने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं. इस दिन रामायण की इन चौपाईयों का पाठ कर हनुमान जी को प्रसन्न कर सकते हैं. पूर्णिमा के दिन रामायण और इसकी चौपाई का पाठ करना विशेष फलदायी माना गया है.
मान्यता है कि इस दिन जिन घरों में रामायण की पूजा और पाठ होता है उस घर पर प्रभु राम की कृपा सदैव बनी रहती है. घर में सुखद वातावरण बना रहता है. सुख-समृद्धि आती है. रोगों को दूर करने में मदद मिलती है.
रामायण का पाठ रोज कर पाना जिन लोगों के लिए मुश्किल है, उन लोगों को इन मंत्रों के बारे में जरुर जानना चाहिए. इसका जाप करने से पूरी रामायण पढ़ने का फल प्राप्त हो जाता है.
एक श्लोक में संपूर्ण रामकथा
रामायण का सार बताने वाला एक मंत्र काफी प्रचलित है. जो लोग इस मंत्र का पाठ रोज करते हैं, उन्हें रामायण पढ़ने के बराबर पुण्य मिलता है. इसे एक श्लोकी रामायण कहते हैं. रोज सुबह घर के मंदिर में दीपक जलाकर इस मंत्र का जाप करना चाहिए.
ये है श्लोक(मंत्र)
आदौ राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्. वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्. बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्. पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम् एतद्धि रामायणम्.
मंत्र का अर्थ
श्रीराम वनवास गए. वहां स्वर्ण मृग का का वध किया. वैदेही यानी सीताजी का रावण ने हरण कर लिया, रावण के हाथों जटायु ने अपने प्राण गंवा दिए. श्रीराम और सुग्रीव की मित्रता हुई. बालि का वध किया. समुद्र पार किया. लंकापुरी का दहन किया. इसके बाद रावण और कुंभकर्ण का वध किया. ये रामायण का सार है.
ऐसे करें इस मंत्र का जाप
इस मंत्र का जाप घर के मंदिर में करना चाहिए. स्नान के बाद आसन को शुद्ध करें और भगवान श्रीराम का ध्यान करते हुए इस मंत्र 108 बार जाप करें. इसके बाद भगवान राम और हनुमान जी के चित्र पर पुष्प आर्पित कर आर्शीवाद प्राप्त करें.