Lakshmi Ji Ki Aarti: पंचांग के अनुसार शुक्रवार का दिन विशेष है. शास्त्रों में इस दिन को लक्ष्मी जी को समर्पित बताया गया है. 21 जनवरी को संकष्टी चतुर्थी है. इस दिन को सकट चौथ के नाम से भी जाना जाता है. लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण है.


प्रात: 8 बजकर 54 मिनट पर तृतीया तिथि का समापन हो रहा है और चतुर्थी तिथि का आरंभ होगा. इस दिन सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है जो इस दिन के धार्मिक महत्व में वृद्धि कर रहा है. चंद्रमा का गोचर सिंह राशि में हो रहा है. इस दिन प्रात: 9 बजकर 43 मिनट तक मघा नक्षत्र रहेगा. इसके बाद पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र प्रारंभ होगा. इस दिन लक्ष्मी जी की आरती का पाठ जीवन में सुख-समृद्धि लाता है.


लक्ष्मी जी की आरती (Lakshmi Ki Aarti)
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जगमाता।
सूर्य, चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख संपत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
तुम पाताल निवासनी, तुम ही शुभ दाता।
कर्म प्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्तु न कोई पाता।
खान पान का वैभव सब तुमसे आता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
शुभ्र गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
महालक्ष्मी जी की आरती जो कोई नर गाता।
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।


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