मोहिनी एकादशी को भगवान विष्णु, तुलसी और पीपल के पूजा की है परंपरा, लेकिन इस बार ऐसा करने से लक्ष्मी जाएंगी रूठ, जानें क्यों
Mohini Ekadashi 2021: वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं. हिंदू धर्म ग्रंथों में इस दिन भगवान विष्णु, तुलसी और पीपल की पूजा करने की परंपरा है, परंतु इस बार भूलकर भी न करें पीपल की पूजा. आइये जानें क्यों?
Mohini Ekadashi 2021 Vrat: उदयातिथि से व्रत रखने की परंपरा के अनुसार, मोहिनी एकादशी व्रत आज 23 मई दिन रविवार को है. हिंदू धर्म ग्रथों के अनुसार मोहिनी एकादशी का व्रत वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है. इस बार यह तिथि दो दिन है. इस लिए मोहिनी एकादशी का व्रत किस दिन रखा जाये. इसमें बड़ा असमंजस है. इस असमंजस के चलते इस बार कुछ लोगों ने मोहिनी एकादशी का व्रत 22 मई को ही रखा है.
मोहिनी एकादशी के दिन जो लोग यह व्रत आज यानी 23 मई दिन रविवार को रख रहें हैं. वे इस दिन पीपल की पूजा न करें. अन्यथा व्रती को धन का अभाव झेलना पडेगा. धार्मिक मान्यता है कि रविवार के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे नहीं जाना चाहिए. इससे घर में दरिद्रता आती है.
रविवार के दिन पीपल की पूजा न करने से संबंधित एक कथा प्रचलित है. धार्मिक मान्यता है कि लक्ष्मी और दरिद्रा दो सगी बहनें थी. एक बार दोनों बहनें भगवान विष्णु से रहने के लिए स्थान मांगती हैं. भगवान विष्णु ने दोनों को पीपल के वृक्ष में वास करने का स्थान दिया. और यह भी कहा कि रविवार के दिन इस वृक्ष पर दरिद्रा का वास होगा शेष अन्य दिनों में लक्ष्मी का वास होगा. इससे जुड़ी पौराणिक कथा के लिए नीचे क्लिक करें.
रविवार को भूलकर भी नहीं करनी चाहिए पीपल की पूजा, नहीं तो घर में आएगी दरिद्रता
चूंकि इस बार मोहिनी एकादशी रविवार को पड़ रही है. इस लिए इस दिन पीपल की पूजा न करें.
मोहिनी एकादशी व्रत के पारण का समय : मोहिनी एकादशी व्रत का पारण द्वादशी में ही किया जाता है. त्रयोदशी में एकादशी व्रत का पारण कारण अशुभ फलदायी होता है. इसलिए मोहिनी एकादशी व्रत के पारण का शुभ समय 24 मई को सुबह 05: 26 बजे से सुबह 08:10 बजे तक है.
मोहिनी एकादशी शुभ मुहूर्त
- एकादशी तिथि प्रारम्भ: 22 मई 2021 को 09 : 15 एएम बजे से.
- एकादशी तिथि समाप्त: 23 मई 2021 को 06 : 42 एएम बजे तक
- पारण का शुभ मुहूर्त : 24 मई सुबह 05: 26 बजे से सुबह 08:10 बजे तक