नई दिल्ली: दक्षिण भारत का प्रमुख त्योहार ओणम आज काफी धूमधाम से मनाया जा रहा है. केरल में इस त्योहार का काफी महत्व है. 10 दिन तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत एक सितंबर से हुई और त्रयोदशी को इसका आखिरी दिन है. इस त्योहार को मुख्य रूप से फसल की उपज अच्छी हो इसके लिए मनाया जाता है. इस दिन दक्षिण भारत के राज्यों में मंदिरों की बजाए घरों में पूजा की जाती है और लोग घरों में तरह-तरह के व्यंजन बनाते हैं. यहां हम आपको बता रहे हैं क्या है इस पर्व से जुड़ी मान्यता और क्या है इसके पीछे का इतिहास.


क्यों मनाया जाता है ओणम


ओणम का त्योहार राजा महाबली के स्‍वागत में मनाया जाता है. मान्यता के मुताबिक राजा बलि कश्‍यप ऋषि वंशज और विष्‍णु भक्‍त प्रह्लाद के पोते थे. वामन पुराण के अनुसार असुरों के राजा बलि ने अपने बल और पराक्रम से तीनों लोकों पर अधिकार कर लिया था. राजा बलि के आधिपत्‍य को देखकर इंद्र देवता घबराकर भगवान विष्‍णु के पास मदद मांगने पहुंचे. इसके बाद भगवान विष्‍णु ने वामन अवतार धारण किया और राजा बलि से भिक्षा मांगने पहुंच गए.


वामन अवतार में भगवान विष्णु ने बलि से तीन पग भूमि मांगी. पहले और दूसरे पग में भगवान ने धरती और आकाश को नाप दिया. अब तीसरा पग रखने के लिए कुछ बचा नहीं थी तो राजा बलि ने कहा कि तीसरा पग उनके सिर पर रख दें. भगवान वामन ने ऐसा ही किया. इस तरह राजा बलि के आधिपत्‍य में जो कुछ भी था वह देवताओं को वापस मिल गया. वहीं, भगवान वामन ने राजा बलि को वरदान दिया कि वह साल में एक बार अपनी प्रजा और राज्‍य से मिलने जा सकते हैं. राजा बलि के इसी आगमन को ओणम त्‍योहार के रूप में मनाया जाता है. मान्‍यता है कि राजा बलि हर साल ओणम के दौरान अपनी प्रजा से मिलने आते हैं और लोग उनके आगमन पर उनका स्‍वागत करते हैं.


10 दिन के बाद भी दो दिनों तक चलता है पर्व 


10 दिनों तक चलने वाले इस पर्व के खत्म होने के अगले दो दिनों का भी काफी महत्व है. इन दो दिनों में लोग बलि को फिर से देवलोक के लिए विदा करते हैं.


थिरुवोणम मुहूर्त


सितंबर 10, 2019 को 11:09 बजे से थिरुवोणम नक्षत्रं आरम्भ


सितंबर 11, 2019 को 1:59 पर थिरुवोणम नक्षत्रं समाप्‍त


जानकारी हो कि बाढ़ के कारण इस बार ओणम त्योहार पर थोड़ा असर जरूर पड़ा है लेकिन इसके बावजूद बाजारों में काफी चहल-पहल देखी जा रही है. लोग काफी आस्था और विश्वास के साथ पर्व को मना रहे हैं. बता दें कि ओणम के अवसर पर लोकगीत, नृत्य और खेलों का आयोजन किया जाता है. इससे इस पर्व की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है.


UNHRC में मुंह की खाने के बाद इमरान खान का नया पैंतरा, PoK के मुजफ्फराबाद में बुलाई रैली


Apple ने पेश किए ट्रिपल कैमरे वाले iPhone, जानें- नए तीनों मॉडल की कीमत, फीचर्स और भारत में बिक्री की तारीख


उन्नाव रेप केस: आज से दर्ज होंगे पीड़िता के बयान, अदालत ने दिया एम्स में अस्थाई कोर्ट बनाने का आदेश