Padma Awards 2023: कमलेश डी पटेल, चिन्न जीयर स्वामी को पद्मभूषण और डॉ. सुकामा पद्मश्री से सम्मानित, जानें धर्म और अध्यात्म में इनका योगदान
Padma Awards 2023:74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा की गई. इसमें धर्म और अध्यात्म क्षेत्र के लिए कमलेश डी पटेल, चिन्न जीयर स्वामी और डॉ. सुकामा का नाम है.
Padma Awards 2023 for Spiritualism: केंद्र सरकार द्वारा पद्म पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा करते हुए इसकी सूची जारी कर दी गई है. यह पुरस्कार विभिन्न क्षेत्र से जुड़े लोगों को उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया जाता है. पद्म पुरस्कार के तीन भाग हैं जोकि- पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री हैं. अध्यात्मवाद में कमलेश डी पटेल और चिन्न जीयर स्वामी को पद्मभूषण तो वहीं आचार्या डॉ. सुकामा पद्मश्री से सम्मानित किए जाएंगे. जानते हैं धर्म और अध्यात्म में इनके योगदान के बारे में.
चिन्न जीयर स्वामी (पद्मभूषण)
चिन्न जीयर स्वामी (Chinna Jeeyar Swamy) पद्मभूषण से सम्मानित किए जाएंगे. चिन्न जीयर स्वामी भारतीय धार्मिक गुरु और तपस्वी योगी हैं. इन्हें श्री वैष्णववाद पर अपने आध्यात्मिक प्रवचनों के लिए जाना जाता है. स्वामी चिन्न जीयर ने अध्यात्म और समाज सेवा के क्षेत्र में देश-विदेश तक काम किए हैं. उनके महान और महत्वपूर्ण कार्यों के लिए ही 2023 में भारत सरकार द्वारा इन्हें अध्यात्वाद में पद्मभूषण सम्मान दिया गया है.
कमलेश डी पटेल (पद्मभूषण)
कमलेश डी पटेल (Kamlesh D Patel) को दाजी के नाम से भी जाना जाता है. कमलेश डी पटेल युवाओं को आत्म-प्रबंधन, व्यावहारिक साधन और सार्वभौमिक मूल्यों से परिचित कराने में विश्वास रखते हैं. छोटी उम्र में ही उनकी रुचि आध्यात्म और ध्यान की ओर हुई. पढ़ाई के दौरान उन्होंने हार्टफुलनेस ध्यान पद्धति को अपनाया. दाजी स्वयं को अध्यात्म का विद्यार्थी मानकर अपना अधिकांश समय अध्यात्म और चेतना से जुड़े क्षेत्र में शोध करने में बिताते हैं. वो कहते हैं- ‘आप स्वयं प्रयोगकर्ता हैं,परीक्षण भी आप हैं एवं इसका परिणाम भी!’ दाजी यानी कमलेश डी पटेल भी पद्भूषण से सम्मानित किए जाएंगे.
डॉ. सुकामा (पद्मश्री)
रोहतक गुरुकुल की आचार्या डॉ. सुकामा (Dr. Sukama) को भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किए जाने का ऐलान किया गया है. डॉ सुकामा युवा पीढ़ी को अध्याम और संस्कार देने के प्रति काम कर रही हैं. उनका मानना है कि आज के समय में युवाओं में शिक्षा के साथ ही अध्यात्म व संस्कार होना भी बहुत जरूरी है. साल 2018 में डॉ. सुकामा ने रोहतक के रुकड़ी में कन्या गुरुकुल का शुभारंभ किया और कन्याओं को निशुल्क संस्कार व अध्याम की शिक्षा दे रही हैं.
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