Padmini Ekadashi 2020: 27 सितंबर 2020 को एकादशी की तिथि है. पंचांग के अनुसार अधिक मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पद्मिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. पद्मिनी एकादशी को अधिक मास में इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि अधिक मास को भगवान विष्णु का मास माना जाता है. इसलिए अधिक मास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. पुरुषोत्तम भगवान विष्णु का ही एक नाम है.


पद्मिनी एकादशी का महत्व
अधिक मास में पद्मिनी एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है. एकादशी व्रत का वर्णन महाभारत की कथा में भी आता है. एकादशी का व्रत सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है. एकादशी में व्रत और पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. पद्मिनी एकादशी का व्रत जीवन में सुख समृद्धि लाता है. पद्मिनी एकादशी का व्रत योग्य संतान प्रदान करने में सहायक है. जीवन में आने वाली बाधाओं को यह व्रत दूर करता है. दांपत्य जीवन में यह व्रत खुशियां लाता है और लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है. जिन लोगों के जीवन में धन संबंधी परेशानी आ रही है, उन लोगों के लिए पद्मिनी एकादशी का व्रत लाभकारी माना गया है.


पद्मिनी एकादशी व्रत का मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारंभ: 27 सितंबर 2020 को प्रात: 06 बजकर 12 मिनट
एकादशी तिथि समाप्त: 28 सितंबर 2020 को प्रात: 08 बजकर बजे तक.
पद्मिनी एकादशी पारणा मुहूर्त: 28 सितंबर 2020 को प्रात: 06 बजकर 12 मिनट 41 सेकेंड से प्रात: 08 बजकर 36 मिनट 09 सेकेंड तक.


एकादशी व्रत की विधि
27 सितंबर 2020 को प्रात: काल सूर्य निकलने से पूर्व स्नान करने के बाद पूजा आरंभ करें. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन विष्णु पुराण का पाठ करना चाहिए. एकादशी व्रत में रात्रि और सभी प्रहर में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. एकादशी व्रत द्वादशी के दिन विधि पूर्वक करने से इस व्रत का पूर्ण पुण्य प्राप्त होता है.


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