Padmini Ekadashi 2020: पंचांग के अनुसार अधिक मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 26 सितंबर 2020 से हो रहा है. मान्यता है कि एकादशी व्रत की पूजा एकादशी की तिथि आरंभ होने से ही शुरू हो जाती है.
एकादशी व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है. अधिक मास चल रहे हैं. अधिक मास भगवान विष्णु को समर्पित है. अधिक मास में भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. अधिक मास को पुरुषोत्तम मास भी कहते है. पुरुषोत्तम भगवान विष्णु का ही एक नाम है. अधिक मास में पड़ने वाली एकादशी का व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि एकादशी का व्रत भी भगवान विष्णु को ही समर्पित है.
एकादशी तिथि कब आरंभ हो रही है
पंचांग के अनुसार 26 सितंबर 2020 को दशमी की तिथि है. इस दिन दशमी की तिथि का समापन शाम 6 बजकर 59 मिनट पर हो रहा है. इसके बाद ही एकादशी तिथि लग जाएगी. मान्यता कि जिस दिन से एकादशी तिथि का आरंभ होता है उसी दिन से इस व्रत की पूजा आरंभ हो जाती है.
पद्मिनी एकादशी कब है
अधिक मास में शुक्ल पक्ष की इस एकादशी को पद्मिनी एकादशी कहा जाता है. पद्मिनी एकादशी का व्रत का संकल्प 27 सितंबर को लिया जाएगा. यानि इस व्रत का आरंभ 27 सितंबर से ही माना जाएगा, लेकिन व्रत के दौरान जो अनुशासन बताए गए हैं उनका पालन एकादशी तिथि के आरंभ से ही शुरू हो जाएंगे.
पद्मिनी एकादशी व्रत की पूजा विधि
पद्मिनी एकादशी व्रत का आरंभ 27 सितंबर 2020 से होगा. इस दिन सुबह स्नान करने के बाद पूजा स्थल पर बैठकर व्रत का संकल्प लें और पूजा आरंभ करें. एकादशी व्रत में विष्णु पुराण को पढ़ना और सुनना चाहिए. इस व्रत में रात्रि के समय भी भगवान विष्णु की पूजा का नियम है. इसलिए रात्रि में भजन और कीर्तन करना चाहिए. इस व्रत में हर प्रहर में भगवान की पूजा की जाती है. एकादशी व्रत का समापन यानि पारण भी नियम पूर्वक करना चाहिए तभी इस व्रत का पूर्ण लाभ और पुण्य प्राप्त होता है.
पद्मिनी एकादशी मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ: 26 सितम्बर को शाम 06 बजकर 59 मिनट
एकादशी तिथि समाप्त: 27 सितम्बर को शाम 07 बजकर 46 मिनट
पद्मिनी एकादशी पारणा मुहूर्त: 28 सितंबर 2020 को प्रात: 06 बजकर 12 मिनट 41 सेकेंड से प्रात: 08 बजकर 36 मिनट 09 सेकेंड तक.