Hindu Temple In Pakistan: पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों (Hindu Mandir) को आए दिन निशाना बनाने की खबरें मिलती रहती हैं. जिस समय पाकिस्तान आजाद हुआ उस समय पाकिस्तान में मंदिरों की संख्या काफी अधिक थी. लेकिन वर्तमान समय में वहां मंदिरों की संख्या में तेजी से कमी आई है. पाकिस्तान में वर्तमान समय में कितने मंदिर हैं, जानते हैं.
पाकिस्तान हिंद राइट्स के मुताबिक साल 1947 के बंटवारे के दौरान पाकिस्तान वाले भू-भाग में 428 मंदिर मौजूद थे. लेकिन 1990 आते आते 428 मंदिरों में से 408 मंदिरों को वहां की सरकार ने होटल, स्कूल या मदरसे में बदल दिया.
पाकिस्तान में अब कितने हिंदू मंदिर हैं
एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान (Pakistan) में मात्र 22 मंदिर ही बचे हैं. पाकिस्तान में स्थित कालीबाड़ी मंदिर के स्थान पर दारा इस्माइल खान ने ताजमहल होटल बनवा दिया है. इसके साथ ही पख्तूनख्वा में बने हिंदू मंदिर को भी पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है.
कोहाट में बने शिव मंदिर में अब स्कूल को संचालित किया जा रहा है. पाकिस्तान के सिंध में सबसे अधिक 11 मंदिर हैं. जबकि पंजाब में 4 और पख्तूनख्वा में 4 और बलूचिस्तान में 3 मंदिर मौजूद हैं.
पाकिस्तान में खुदाई में मिला 1300 साल पुराना मंदिर
साल 2020 में पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी इलाके के स्वात जिले में पुरातात्विक विभाग के एक समूह ने 1300 साल पुराना मंदिर खोजा था. पुरातत्व विभाग की इस टीम में पाकिस्तान और इटली विशेषज्ञों की टीम शामिल थी. रिपोर्ट में बताया गया की यह भगवान विष्णु का मंदिर था. एक सर्वे के अनुसार 24 करोड़ वाले इस देश में हिंदूओं की आबादी 38 लाख के करीब है.
पाकिस्तान में भी मनाए जाते हैं हिंदू त्योहार
पाकिस्तान में हिंदू आबादी (Hindu Population) होने के कारण कई हिंदू त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाए जाते हैं, पाकिस्तान में दिवाली (Diwali), करवा चौथ, शिवरात्रि, दशहरा, होली, नवरात्रि (Navratri) जैसे पर्व पूरे भक्तिभाव से मनाए जाते हैं. लोग इन त्योहारों पर एकत्र होते हैं और भजन, भंडारा आदि जैसे कार्यक्रमों का भी आयोजन करते हैं.
यह भी पढ़ें- Arbain Pilgrimage: मक्का-मदीना के बाद अरबईन तीर्थयात्रा, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक जमावड़ा
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.