चार रेखाओं से मिलकर बने चिह्न को चतुर्भुज कहते हैं. यह आयताकार और वर्गाकार दोनों प्रकार से हाथ में हो सकता है. हाथ के प्रमुख सात पर्वतों पर इसका होना अयंत्त शुभ फलदायी माना जाता है.
अंगूठे के नीचे शुक्र पर्वत पर चतुर्भुज का निशान ऐश्वर्य और सुख सुविधाओं को द्योतक है. व्यक्ति जीवन में स्वस्थ एवं निरोगी होता है. बलवान होता है. ग्रहस्थ जीवन का आनंद लेता है. पशु एवं भू संपदा का मालिक होता है. मणिबंध के ऊपर शुक्र पर्वत के बाजू में चंद्र पर्वत पर चतुर्भुज का चिह्न अच्छी स्मरण शक्ति देता है. व्यक्ति में रचनाशीलता और प्रखरता होती है. जातक लेखक कलाकार विषयविज्ञ होता है.
दोनों मंगल पर पर्वत पर चतुर्भुज का निशान विरोधियों पर विजय दिलाता है. जातक बड़े भवनों का स्वामी होता है. जमीन से लाभ होता है. कूटनीतिज्ञ होता है. शत्रुओं का नाश करने वाला भूपति होता है. सबसे छोटी अंगुली के नीचे बुध पर्वत पर चतुर्भुज का निशान जातक को कुशल व्यापारी बनाता है. व्यक्ति देशाटन से कमाता है. अच्छा सेल्सकर्मी और एजेंट होता है.
सूर्य पर्वत पर चतुर्भुज का निशान व्यक्ति को कई शहरों में व्यापार की क्षमता देता है. प्रबंधन प्रशासन से लाभ कमाता है. ख्याति लाभ से सफलता पाता है. शनि पर्वत पर चतुर्भुज का निशान व्यक्ति को किसी क्षेत्र में महानता दिला सकता है. जिस विषय में व्यक्ति महारत हासिल करता है उसमें सर्वश्रेष्ठ होने की क्षमता विकसित कर लेता है. चक्रवर्ती सम्राट भी हो सकता है और आध्यात्मिक भी.
गुरु पर्वत पर चतुर्भुज का निशान व्यक्ति को अकादमिक सफलता देता है. व्यक्ति का भाग्योदय जल्द होता है. जीवन में सभी महत्वपूर्ण कार्य शीघ्र संपन्न होते हैं. सुंदर और सुशील जीवनसाथी प्राप्त होता है.