हृदय रेखा बुध पर्वत के नीचे से शुरू होकर गुरु पर्वत की ओर बढ़ने वाली रेखा को कहते हैं. सबसे सुंदर हृदय रेखा बुध पर्वत से शुरू होकर गुरु और शनि पर्वत के बीच अंगुलियों के मिलने वाले भाग तक जाती है. ऐसे लोग सच्चे प्रेमी और सबका ख्याल रखने वाले होते हैं. बड़प्पन से भरे होते हैं. जीवन में छोटी बातो को नजरअंदाज कर महत्वपूर्ण विषयों पर फोकस रखते हैं.


शनि पर्वत के नीचे तक जाने वाली सीधी हृदय रेखा व्यक्ति को पैसे से मोह कराती है. ऐसा व्यक्ति धन कमाने के लिए विभिन्न प्रकार के समझौते करने के लिए भी तैयार होता जाता है. काम निकलने के बाद नजर न आने वाला भी होता है. हृदय रेखा जितनी अधिक लंबी और गहरी होती है उतनी अधिक प्रभावी होता है. ऐसा व्यक्ति भावनात्मक मजबूत होता है. सही निर्णय लेता है. आदर सेवा और सत्कार में विश्वास रखता है. सबकी सुनकर अपनी करने वाला होता है. 


बुध पर्वत से निकलकर सीधा गुरु पर्वत पर जाने वाली हृदय रेखा व्यक्ति को स्पष्टवादी और ज्ञानी बनाता है. ऐसे लोगों में नियम अनुशासन में भरोसा होता है. ये लोग नियम तोड़ते हैं न तोड़ने देते हैं. अध्ययन अध्यापन में आगे रहते हैं. कुशल प्रबंधक भी होते हैं. हृदय रेखा से ऊपर उठने वाली सभी रेखाएं सकारात्मक प्रभाव देने वाली होती हैं. इनसे व्यक्ति के जीवन में सुंदर संयोग बनने के संकेत मिलते हैं.


नीचे जानी वाली शाखाएं प्रियजनों से अनबन, मतभेद अथवा उनसे दूरी बढ़ने की संकेतक होती हैं. हृदय रेखा के साथ मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा भी पूरी लंबाई लिए होती हैं तो व्यक्ति धन ऐश्वर्य और परिवार सभी प्रकार के सुख भोगता हुआ प्रसन्नता से रहता है. उच्च मनोबल का धनी होता है. सही निर्णयों को लेता है.