Aja Ekadashi 2020 Date: 15 अगस्त को एकादशी व्रत है. इस एकादशी व्रत को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है. अजा एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को सभी प्रकार के पापों से मुक्त मिलती है. एकादशी व्रत को सभी व्रत में श्रेष्ठ मानने के पीछे एक बड़ी वजह ये भी है कि एकादशी का व्रत सभी व्रतों में कठिन भी है. इस व्रत का लाभ तभी प्राप्त होता है जब एकादशी के व्रत को व्यक्ति विधि विधान से पूर्ण करता है.


अजा एकादशी व्रत 
अजा एकादशी का व्रत का मुहूर्त 15 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 20 तक था. पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि का आरंभ 14 अगस्त को दोपहर 02 बजकर 01 मिनट पर हुआ था. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत में सूर्योदय व्यापिनी तिथि मान्य होती है. इसलिए 15 अगस्त को ही एकादशी का व्रत रखना उचित है.


अजा एकादशी व्रत का पारण
एकादशी में व्रत का आरंभ और पारण का विशेष ध्यान रखा जाता है. पारण से अर्थ व्रत को तोड़ने से है. यानि पारण में व्रत का समापन किया जाता है. मान्यता है कि एकादशी व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद ही किया जाना चाहिए. इस तरह से पंचांग के अनुसार एकादशी व्रत के पारण का समय 16 अगस्त रविवार को सुबह 05 बजकर 51 मिनट से दिन में 08 बजकर 29 मिनट तक है. पारण में इस बात का ध्यान रखें कि द्वादशी तिथि के समापन से पूर्व ही अजा एकादशी व्रत का पारण किया जाना चाहिए. पंचांग के अनुसार पारण के दिन द्वादशी तिथि दोपहर 01 बजकर 50 मिनट पर समाप्त हो रही है.


एकादशी व्रत का महत्व
एकादशी का व्रत रखने से और सभी प्रकार के दुखों से व्यक्ति को निजात मिलती है. एकादशी के व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस व्रत को रखने से घर में सुख समृद्धि आती है.


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