Panchang In Hindi: मार्गशीर्ष यानि अगहन मास का आरंभ हो चुका है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मार्गशीर्ष मास को धर्म-कर्म के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. मार्गशीर्ष मास भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय मास कहलाता है. इसलिए मार्गशीर्ष मास में पूजन, दान और स्नान का विशेष महत्व बताया गया है. पंचांग के अनुसार आने वाले 6 दिन बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. 9 दिसंबर को नवमी की तिथि है. इस दिन से लेकर आने वाल 14 दिसंबर तक कई व्रत और पर्व पड़ रहे हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में-


9 दिसंबर(बुधवार)
पंचां के अनुसार इस दिन मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि सायं 3 बजकर 18 मिनट तक रहेगी इसके बाद दशमी तिथि का आरंभ होगा. इस दिन चंद्रमा कन्या राशि और सूर्य वृश्चिक राशि में विराजमान रहेंगे. इस दिन भद्रा (करण) रात्रि 2.05 से प्रात: 6.45 मिनट तक रहेगी.

10 दिसंबर (गुरुवार)
इस दिन दशमी की तिथि मध्याह्न 12 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी, इसके बाद एकादशी की तिथि आरंभ होगी. मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है.

11 दिसंबर (शुक्रवार)
पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का का समापन 11 दिसम्बर 11को प्रात: 10 बजकर 04 मिनट पर होगा. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. एकादशी का व्रत सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है.

12 दिसंबर (शनिवार)
मार्गशीर्ष कृष्ण त्रयोदशी रात्रि 3 बजकर 53 मिनट तक पश्चात चतुर्दशी। शनि प्रदोष व्रत. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है.

13 दिसंबर (रविवार)
पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रात्रि 12 बजकर 45 मिनट के बाद अमावस्या तिथि का आरंभ होगा.

14 दिसंबर (सोमवार)
मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि रात्रि 9 बजकर 47 मिनट रहेगी. इस अमावस्या को बहुत ही विशेष माना गया है. अमावस्या की तिथि के बाद प्रतिपदा तिथि होगी. इस अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है.

15 दिसंबर (मंगलवार)
धनु संक्रांति: इस दिन सूर्य का राशि परिवर्तन होने जा रहा है. सूर्य के इस राशि परिवर्तन को धनु संक्रांति के नाम से जाना जाता है.

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