Margashirsha Month 2020: पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह को नौवां महीना माना गया है. इस महीने को अग्रहायण या अगहरन का महीना भी कहते हैं. पंचांग के मुताबिक मार्गशीर्ष का यह महीना 1 दिसंबर से 30 दिसंबर तक रहेगा.
मार्गशीर्ष माह का महत्व
वैदिक मान्यताओं के अनुसार सभी माह में मार्गशीर्ष को विशेष महत्व प्रदान किया गया है. मार्गशीर्ष में किए गए धार्मिक क्रिया कलापों का जीवन में बहुत ही शुभ फल प्राप्त होता है. मार्गशीर्ष माह को जप, तप और योग के लिए सर्वोत्तम माना जाता है. मार्गशीर्ष के महीने में संतुलित आहार और अनुशासित जीवन शैली अपनाने से रोग से मुक्ति मिलती है, मन प्रसन्न रहता है और सकारात्मक विचार बने रहते हैं.
मार्गशीर्ष माह में स्नान का महत्व
मार्गशीर्ष के महीने में पवित्र नदियों में स्नान करना अत्यंत शुभ माना गया है. पवित्र नदियों का पानी कई प्रकार के मौसमी रोगों का नाश करने में सक्षम होते हैं. एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ने सत युग में देवों का प्रथम मास मार्गशीर्ष है. मार्गशीर्ष मास की प्रथम तिथि को ही वर्ष प्रारम्भ किया गया था. कहते हैं कि मार्गशीर्ष मास में कश्यप ऋषि ने कश्मीर प्रदेश की रचना की थी.
चंद्रमा को प्रसन्न करें
मार्गशीर्ष का महीना चंद्रमा को प्रसन्न करने का महीना भी माना जाता है. इस माह में उन लोगों को चंद्रमा की विशेष पूजा अर्चना करनी चाहिए जिनकी जन्म कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर है. इसके साथ ही भगवान कृष्ण की पूजा करने से उनका आर्शीवाद प्राप्त होता है. मार्गशीर्ष में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते समय तुलसी के पत्तों का प्रयोग अवश्य करना चाहिए. इसके साथ ही शंख का पूजन करना चाहिए.
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