Masik Shivratri 2020 Rudrabhishek: शिवरात्रि का पर्व भगवान शिव को समर्पित है. 17 अगस्त को भाद्रपद मास की प्रथम मासिक शिवरात्रि है. पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है.


मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से कल्याण होता है. भगवान शिव को कल्याण करने वाला माना गया है. जीवन में किसी भी प्रकार का संकट है, तो आज के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से वह संकट दूर हो जाता है. आज के दिन रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है.


भगवान शिव का रुद्राभिषेक कैसे करें
रुद्राभिषेक की सामग्री: गाय का घी, दीपक, पुष्प, चंदन, गंध, धूप, कपूर, मौसमी फल, पान का पत्ता, सुपारी और नारियल आदि से रुद्राभिषेक की पूजा की जाती है. इसके साथ ही गाय का दूध, दही, शहद और गन्ने का रस आदि का भी प्रयोग किया जाता है.


रुद्राभिषेक की विधि: इस पूजा में संपूर्ण शिव परिवार जिसमें माता पार्वती, भगवान शिव, गणेश जी समेत नव ग्रह, लक्ष्मी, सूर्य देव, अग्नि देव, ब्रह्म देव, पृथ्वी माता आदि की भी पूजा की जाती है. विशेष बात ये है कि इन सभी ग्रह, शिव लिंग और देवों की विधि पूर्वक करनी चाहिए.


शिव मंत्रों का जाप करें: रुद्राभिषेक के दौरान शिवमंत्रों का जाप करना चाहिए. इस अभिषेक को योग्य पुरोहित की मदद से भी कराया जा सकता है. पूजा के समय भगवान शिव को गंगाजल अर्पित करते हैं और उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाते हैं.


रुद्राभिषेक का लाभ
भगवान शिव के रुद्राभिषेक से जीवन में आने वाली समस्त प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती है. व्यक्ति के जीवन से धन का संकट दूर हो जाता है. रोग आदि को भी दूर करता है. शत्रु परास्त होते हैं. पद और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है. वहीं रुद्राभिषेक से ग्रहों की अशुभता भी दूर होती है.


Masik Shivratri 2020: मासिक शिवरात्रि 17 अगस्त को है, इस बार बन रहा है विशेष संयोग, जानें पूजा का मुहूर्त