Gupt Navratri 2021 Date: नवरात्रि का पर्व दो बार नहीं बल्कि साल में चार बार आता है. नवरात्रि में मां दुर्गा के अलग अलग 9 स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है. मान्यता है कि सच्चे मन और पूरे विधि पूर्वक जो व्यक्ति मां की पूजा करता है, मां दुर्गा उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं.


गुप्त नवरात्रि का महत्व
गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र को सिद्ध करने वाली मानी गई है. वहीं इस नवरात्रि में की जाने वाली विशेष पूजा कई प्रकार के कष्टों को दूर करने वाली मानी गई है. ऐसा भी कहा जाता कि गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक महाविद्याओं को भी सिद्ध करने के लिए मां दुर्गा की उपासना की जाती है. इस नवरात्रि पर पूजा और व्रत रखने वाले अपनी गुप्त को रखते हैं. इसके पीछे धारणा है कि पूजा गुप्त रखने से उसके लाभ और प्रभाव में वृद्धि होती है. गुप्त नवरात्रि में मां कालिके, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता चित्रमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूम्रवती, माता बगलामुखी, मातंगी, कमला देवी की पूजा का विधान है.


गुप्त नवरात्रि:घट स्थापना मुहूर्त
12 फरवरी से गुप्त नवरात्रि प्रारंभ हो रही है. इस दिन घट यानि कलश स्थापना का समय पंचांग के अनुसार प्रात: 08 बजकर 34 मिनट से 09 बजकर 59 मिनट तक बना हुआ है. इस दौरान कलश की स्थापना कर सकते हैं. इस दिन दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त है. गुप्त नवरात्रि का समापन 21 फरवरी, रविवार के दिन होगा.


इन बातों का रखें ध्यान
गुप्त नवरात्रि पर व्रत रखने वाले व्यक्ति को कठोर अनुशासन का पालन करना चाहिए. गलत कार्यों से दूर रहकर पूजा पूर्ण करनी चाहिए. किसी के अहित के बारे में विचार नहीं करना चाहिए और सच्ची श्रद्धा से पूजा अर्जना करनी चाहिए.


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