Pitru Paksha 2020: आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को पंचांग के अनुसार नवमी श्राद्ध है. नवमी श्राद्ध को बहुत ही विशेष माना गया है. इस दिन विवाहित महिलाओ का श्राद्ध करने का विधान है. मान्यता है कि पिृत पक्ष की नवमी तिथि को विवाहित महिलाओं का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और अपना आर्शीवाद प्रदान करती हैं.


पितृ पक्ष में तिथि के अनुसार श्राद्ध कर्म करने का विधान है लेकिन नवमी की तिथि को माता और विवाहित महिलाओं का श्राद्ध करने का विधान बताया गया है. विवाहित महिला की मृत्यु किसी भी तिथि को क्यों न हुई हो, श्राद्ध की प्रक्रिया इस दिन पूर्ण की जा सकती है. पितृ पक्ष की नवमी तिथि को इस कार्य के अति शुभ माना गया है. ऐसा माना जाता है कि विवाहित स्त्री का श्राद्ध सदैव नवमी की तिथि में ही किया जाना ही श्रेष्ठ है. नवमी श्राद्ध को मातृ नवमी और सौभाग्यवती श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है.


नवमी श्राद्ध की विधि
नवमी श्राद्ध पर घर की महिलाओं को व्रत रखना चाहिए. प्रात: काल स्नान करने के बाद श्राद्ध की प्रक्रिया को आरंभ करना चाहिए. इस दिन मन में किसी प्रकार की बुरी कामना नहीं करनी चाहिए, मन को शुद्ध रखते हुए श्राद्ध कर्म को करना चाहिए. नवमी श्राद्ध जीवन में धन, संपत्ति और ऐश्वर्य प्रदान करने वाला माना गया है. श्राद्ध करने के बाद दान भी करना चाहिए.


नवमी श्राद्ध से परेशानी दूर होती हैं
पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म करने से पितृदोष दूर होता है. विधि पूर्वक श्राद्ध करने से पृूर्वज प्रसन्न होते हैं और अपना आर्शीवाद प्रदान करते हैं. मान्यता कि पितृ पक्ष में हमारे पूर्वज पृथ्वी पर भ्रमण करते हैं. वे किसी भी रूप में हमसे मिलने आ सकते हैं. इसलिए पितृ पक्ष के दौरान किसी से बुरा बर्ताव नहीं करना चाहिए. सभी का आदर करना चाहिए. इस दिन आटे से बना बड़ा दीपक जलाएं औ...र पितरों की तस्वीर पर तुलसी की पत्तियां अर्पित करें. ऐसा करने से पितरों का आर्शीवाद प्राप्त होता है.


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