Amavasya Dates 2021: पंचांग के अनुसार एक वर्ष में 12 अमावस्या होती हैं. अमावस्या का विशेष धार्मिक महत्व है. इस दिन की जाने वाली पूजा और व्रत का कई गुना पुण्य और लाभ प्राप्त होता है. विशेष प्रकार की पूजा के लिए भी अमावस्या की तिथि को सबसे उत्तम माना गया है.


अमावस्या पर पितरो की पूजा की जाती है. जिन लोगों की जन्म कुंडली में पितृ दोष है, वे इस दिन पितरों की पूजा करते हैं. ऐसा माना जाता है अमावस्या के दिन पितरों की पूजा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपना आर्शीवाद देते हैं. जिससे जीवन में दांपत्य जीवन, धन, जॉब और व्यापार संबंधी बाधाएं दूर होती हैं.


सोमवती अमावस्या कब है?
पंचांग के अनुसार सोमवती अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान और दान का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन पितरों की पूजा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं. ज्योतिष गणना के अनुसार वर्ष 2021 में सोमवती अमावस्या का पर्व पड़ रहा है. जो 12 अप्रैल को मनाया जाएगा. इसे चैत्र अमावस्या भी कहते हैं. सोमवार के दिन अमावस्या की तिथि पड़ने के कारण इसे सोमवती अमावास्या कहा जाता है.


सोमवती अमावस्या पर पितरों को करें प्रसन्न
अमावस्या की तिथि का पितरों से बहुत गहरा संबंध है. पितर जब नाराज होते हैं तो जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जॉब में बाधा, बिजनेस में नुकसान, घर में कलह, घर के बड़ों के सम्मान में कमी, दांपत्य जीवन में समस्या आदि पितरों के नाराज होने के कारण आ सकती है. इसलिए सोमवती की अमावस्या पितरों की पूजा के लिए उत्तम मानी गई है.


सोमवती अमावस्या न करें ये कार्य
सोमवती अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान करने के बाद पितरों की पूजा करनी चाहिए. इसके बाद दान आदि का कार्य करना चाहिए. इस दिन कुछ कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए. अमावस्या के दिन किसी का अनादर न करें. जरूरतमंद व्यक्तिओं को दान देना चाहिए. जानवरों की सेवा करनी चाहिए. क्रोध से दूर रहना चाहिए और वाणी में मधुरता होनी चाहिए.


Shani Dev: 7 जनवरी की शाम को शनिदेव हो रहे हैं अस्त, इन 5 राशियों पर है शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या


Kumbh Mela 2021: कुंभ स्नान से शनि देव और राहु-केतु का दोष दूर होता है,जानें कुंभ स्नान का ज्योतिषीय महत्व