Panchang: पंचांग के अनुसार इस सप्ताह दो विशेष व्रत पड़ रहे हैं. एक व्रत जहां भगवान विष्णु को समर्पित है वहीं दूसरा व्रत भगवान शिव की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना गया है. पंचांग के अनुसार 23 फरवरी को जया एकादशी का व्रत है. एकादशी के व्रत में भगवान विष्णु की उपासना की जाती है. माघ मास की त्रयोदशी की तिथि को प्रदोष व्रत रखा जा सकेगा. इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. इससे जीवन में सुख और शांति बनी रहती है.


माघ मास में भगवान विष्णु और शिवजी का पूजा का विशेष महत्व है
माघ का महीना चल रहा है. माघ का महीना धर्म कर्म के लिए बहुत ही उत्तम माना गया है. माघ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी, द्वादशी और त्रयोदशी की तिथि महत्वपूर्ण हैं. 23 फरवरी को पड़ने वाली एकादशी की तिथि को जया एकादशी व्रत है. द्वादशी की तिथि में जया एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा इसके बाद त्रयोदशी की तिथि को प्रदोष व्रत की पूजा की जाएगी. भगवान विष्णु और शिव जी की पूजा से जीवन की परेशानियां दूर होती हैं.


भगवान विष्णु जब विश्राम करने जाते हैं तो शिवजी को सौंप देते हैं ये प्रमुख जिम्मेदारी
चातुर्मास में जब भगवान विष्णु पाताल लोक में विश्राम करने चले जाते हैं तो पृथ्वी के समस्त कार्यों की जिम्मेदारी भगवान शिव को सौंप देते हैं. इसीलिए चातुर्मास में भगवान शिव की पूजा को विशेष माना गया है. ऐसी मान्यता है कि चातुर्मास में भगवान शिव माता पार्वती के साथ पृथ्वी का भ्रमण करते हैं और अपने भक्तों को आर्शीवाद प्रदान करते हैं.


जया एकादशी (Jaya Ekadashi 2021) व्रत शुभ मुहूर्त
22 फरवरी 2021: एकादशी तिथि शाम 05 बजकर 16 मिनट से आरंभ होगी.
23 फरवरी 2021: एकादशी की तिथि शाम 06 बजकर 05 मिनट तक रहेगी.
24 फरवरी 2021: जया एकादशी पारण का समय प्रात: 06 बजकर 51 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 09 मिनट तक रहेगा.


प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2021) का शुभ मुहूर्त
24 फरवरी 2021: त्रयोदशी की तिथि शाम 06 बजकर 05 मिनट पर प्रारंभ होगी.
25 फरवरी 2021: शाम 05 बजकर 18 मिनट पर त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी.


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