Weekly Panchang: 4 मई से आरंभ होने वाले नए सप्ताह में एकादशी व्रत के साथ प्रदोष व्रत भी पड़ रहा है. यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है. इस व्रत की महिमा उसी प्रकार से मानी गई है जिस प्रकार से शिवरात्रि और मासिक शिवरात्रि की है. इसके साथ ही इस सप्ताह एक विशेष जयंती भी पड़ रही है. जिसे नरसिंह जयंती के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की पूजा होती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के इस अवतार की पूजा करने से जीवन में आने वाले संकटों से मुक्ति मिलती है.यह एक महत्वपूर्ण जयंती है.
इस सप्ताह और कौन कौन से महत्चपूर्ण व्रत और पर्व पड़ने जा रहे हैं आइए जानते हैं उनकी तिथियों और महत्व के बारे में.


गौण मोहिनी एकादशी- 4 मई 2020- सोमावार- एकादशी
एकादशी की तिथि को गौण मोहिनी एकादशी का व्रत है. 3 मई से एकादशी आरंभ होने के बाद इस दिन यानि 4 मई को मोहिनी एकादशी का पारण किया जाएगा. एकादशी के व्रत में पारण का विशेष महत्च है. मान्यता है कि पारण विधि पूर्वक करने से ही एकादशी व्रत का पूर्ण लाभ प्राप्त होता है. इसलिए यह दिन विशेष है. इस दिन एकादशी के व्रत का पारण किया जाएगा. एकादशी के व्रत को तोड़ने की प्रक्रिया को पारण कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के बाद इस व्रत का पारण किया जाएगा. जिसका समय 4 मई को 1 बजकर 36 मिनट से 4 बजकर 16 मिनट तक होगा.


प्रदोष व्रत- 5 मई- मंगलवार- त्रयोदशी
प्रदोष व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उपयुक्त माना गया है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान शिव बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को आर्शीवाद प्रदान करते हैं. मंगलवार के दिन त्रयोदशी की तिथि पड़ने के कारण ये विशेष है. इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करना शुभ फलदायी माना गया है. यह व्रत हर प्रकार के दोष को दूर करता है.


प्रदोष व्रत में प्रदोष काल का जानें महत्व, इस काल में शिव की पूजा करने से मिलता है फल


नरसिंह जयंती- 6 मई- बुधवार- चतुर्दशी
इस दिन भगवान विष्णु ने अंहकारी राजा हिरण्यकश्यप का वध करने के लिए नरसिंह अवतार लिया था और अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी. इस दिन नरसिंह भगवान का जन्म होने के कारण ही नरसिंह जयंती मनाई जाती है.

नरसिंह जयंती: इस दिन भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की होती है पूजा, ये है शुभ मुहूर्त


बैशाख पूर्णिमा-7 मई- बृहस्पतिवार- पूर्णिमा
इस दिन को बैशाख पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि यह बहुत ही शुभ दिनों में से एक है. इस दिन स्नान और दान को श्रेष्ठ फलदायी बताया गया है.

नारद जयंती-8 मई- शुक्रवार-प्रतिपदा
नारद जयंती बैशाख माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को पड़ रही है. इस दिन नारद मुनि का जन्म हुआ था. इसीलिए इस दिन को नारद जयंती के रूप में मनाते हैं. भगवान नारद मुनि देवताओं के दूत माने जाते हैं,

संकष्ठी चतुर्थी व्रत-10 मई- रविवार
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की पूजा करने से विशेष आर्शीवाद प्राप्त होता है. इस दिन विधार्थियों को भगवान गणेश जी की विशेष पूजा करने से शिक्षा में आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिलती है. अच्छे परिणाम जीवन में मिलते हैं. इस दिन गणेश जी की पूजा करने से जीवन में सुख शांति और समृद्धि आती है.

मई माह के व्रत और पर्व: मोहिनी एकादशी,प्रदोष व्रत, शिवरात्रि और जानें कब है वृषभ संक्रांति