Ekadashi Parana Rules 2021: अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी (Ashwin Month Ekadashi) को पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) के नाम से जाना जाता है. आज 16 अक्टूबर के दिन एकादशी का व्रत (Ekadashi Vrat On 16 October) रखा गया है. और कल यानि 17 अक्टूबर को सूर्योदय के बाद व्रत का पारण (Vrat Parana) किया जाएगा. कहते हैं कि एकादशी के व्रत में पारण का भी उतना ही महत्व है, जितना व्रत का. अगर पारण को सही तरीके से शुभ मुहूर्त और नियमों के अंतर्गत न किया जाए, तो कहते हैं कि एकादशी के उपवास का फल नहीं मिलता है. इसलिए व्रत रखने के साथ व्रत कारण के नियमों (Ekadashi Vrat Niyam) का पालन करना भी बेहद जरूरी है. तो आइए जानते हैं एकादशी व्रत पारण के समय किन बातों का खास ख्याल रखना जरूरी है. 


Papankusha Ekadashi Parana Niyam पापांकुशा एकादशी पारण नियम


मान्यता है कि एकादशी का पारण शुभ मुहूर्त के अंदर ही किया जाना चाहिए. एकादशी के व्रत में पारण का मतलब होता है खोलना या व्रत खोलना. व्रत का पारण सदैव द्वादशी तिथि के समय किया जाता है. और द्वादशी तिथि में सूर्योदय के बाद ही व्रत पारण किया जाता है. लेकिन एक बात का खास ख्याल रखें कि द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले ही व्रत का पारण कर लें. धार्मिक मान्यता है कि अगर व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने के बाद किया जाता है, तो इससे व्रत का फल नहीं मिलता बल्कि पाप लगता है. 


मान्यता है कि अगर तिथि के घटने या बढ़ने के कारण द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो रही है, तो उस स्थिति में व्रत पारण सूर्योदय के बाद ही किया जाना चाहिए. इस बात का भी ध्यान रखें कि एकादशी व्रत पारण हरि वासर में भी नहीं करना चाहिए. यहां हम बता दें कि द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई तिथि को हरि वासर कहा जाता है. और पारण करने के लिए व्रती को हरि वासर समाप्त होने का इंतजार करना चाहिए. ग्रंथों में हरि वासर में भी व्रत पारण करने की मनाही होती है. 


व्रत पारण करने से पहले स्नान आदि करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा, आरती करें. इसके बाद किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं. उन्हें दान आदि देने के बाद ही व्रत का पारण करें. कहते हैं नियमों के अनुसार पारण करने पर ही एकादशी व्रत का फल मिलता है. 


पापाकुंशा एकादशी व्रत पारण समय (Papankusha Ekadashi Vrat Paran Timing)


पंचांग के अनुसार, पापांकुशा एकादशी तिथि 15 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 5 मिनट से प्रारंभ हुई है और यह तिथि 16 अक्टूबर दिन शनिवार की शाम 5 बजकर 37 मिनट तक रहेगी. पापाकुंशा एकादशी व्रत 16 अक्टूबर को रखने वाले लोग व्रत का पारण 17 अक्टूबर, रविवार को करें. पापाकुंशा एकादशी व्रत पारण का शुभ मुहूर्त 17 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 28 मिनट से सुबह 8 बजकर 45 मिनट तक है. इस समय के बीच में व्रत पारण अवश्य कर लें. 


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