Papankusha Ekadashi 2024: यमराज के नहीं करने दर्शन तो दशहरा के बाद की इस एकादशी पर जरूर करें ये काम
Papankusha Ekadashi 2024:आश्विन मास की पापांकुशा एकादशी बहुत ही फलदायी मानी जाती है. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करने से पाप कर्म नष्ट होते हैं और पुण्य फल में बढ़ोतरी होती है.
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Papankusha Ekadashi 2024: हर पक्ष में पड़ने वाली एकादशी की तरह पापांकुशा एकादशी भी भगवान विष्णु (Vishnu ji) की पूजा-उपासना के लिए समर्पित है. अपने नाम के अनुसार ही यह एकादशी पापों को दूर करने वाली है. इस दिन जो जातक व्रत रखकर श्रद्धापूर्वक पूजा करते हैं, उन्हें कभी नरक का मुख नहीं देखना पड़ता है.
क्योंकि पापांकुशा एकादशी व्रत के प्रभाव से इस जन्म और पूर्वजन्म में जाने-अनजाने में किए गए पाप नष्ट होते हैं. स्वयं भगवान श्रीकृष्ण (Shri Krishna) ने पद्मपुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण में इस एकादशी की महिमा का वर्णन किया है.
पापांकुशा एकादशी
पापांकुशा एकादशी व्रत पंचांग (Panchang) के अनुसार, दशहरा के अगले दिन यानी आश्विन शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है. इस साल पापांकुशा एकादशी 13 अक्टूबर 2024 को है. आज भगवान विष्णु की पूजा के लिए सुबह 07 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 07 मिनट का समय शुभ रहेगा. इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा के साथ ही कुछ अन्य जरूरी कार्य भी करने चाहिए.
यमराज के नहीं करने दर्शन तो आज जरूर करें ये काम (Papankusha Ekadashi Upay)
- आज के दिन दान का खास महत्व होता है. भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था कि, पापांकुशा एकादशी पर सोना, तिल, गौ, जल, छाता और जूते आदि का दान करने से भयंकर से भयंकर पापा भी नष्ट हो जाते हैं और पुण्य कर्मों में वृद्धि होती है, जिससे नरक की यातना से मुक्ति मिलती है और यमराज (Yamraj) के दर्शन नहीं होते.
- वैसे तो सभी एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा होती है. लेकिन आज आपको गरुड़ पर विराजमान भगवान श्रीहरि के दिव्य रूप की पूजा करनी चाहिए. साथ ही आज हरि चिंतन और रात्रि जागरण करने वालों के पीढ़ियों का भी उद्धार हो जाता है.
- आज के दिन भगवान विष्णु के समक्ष नौ मुख वाला अखंड दीप जलाएं और पूजा में लक्ष्मीनारायण (Laxminarayan) को सौंफ चढ़ाएं. इससे करियर-कारोबार में खूब तरक्की होती है.
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