Papankusha Ekadashi 2022: पापांकुशा एकादशी के व्रत से मिट जाते हैं जीवन के सारे पाप, जानें ये कथा
Papankusha Ekadashi 2022: पापांकुशा एकादशी 6 अक्टूबर 2022 को है. पापांकुशा एकादशी पर भी व्रत का फल तभी मिलता है जब कथा का श्रवण किया जाए. आइए जानते हैं पापांकुश एकादशी व्रत की कथा.
Papankusha Ekadashi 2022 Vrat Katha: हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहते हैं. एकादशी तिथि जगत के पालनहाल भगवान विष्णु की प्रिय मानी जाती है. इस साल पापांकुशा एकादशी 6 अक्टूबर 2022 को है. शास्त्रों के अनुसार जो पापांकुशा एकादशी का व्रत रखता है भगवान विष्णु उसके सभी मनोरथ पूर्ण करते हैं. साथ ही उसे मृत्यु के बाद यमलोक में यमराज के अत्याचार नहीं झेलने पड़ते. एकादशी व्रत के प्रभाव से साधक और उसके पितरों को मोक्ष मिलता है. किसी भी व्रत, पूजा-पाठ में कथा का विशेष महत्व होता है. पापांकुशा एकादशी पर भी व्रत का फल तभी मिलता है जब कथा का श्रवण किया जाए. आइए जानते हैं पापांकुश एकादशी व्रत की कथा.
पापांकुशा एकदाशी 2022 मुहूर्त
अश्विन शुक्ल पापांकुशा एकदाशी तिथि शुरू - 5 अक्टूबर 2022, दोपहर 12
अश्विन शुक्ल पापांकुशा एकादशी तिथि समाप्त - 6 अक्टूबर 2022, सुबह 9 बजकर 40
पापांकुश एकादशी कथा
पौराणिक कथा के अनुसार एक समय विध्यांचल पर्वत पर क्रोधना नाम का एक बहुत ही क्रूर शिकारी रहता था. अपने जीवन में उसने कई पशु-पक्षियों का शिकार किया. कई गलत कर्म और बेजुबान जीवों की को मारकर वह पाप का भागी बन चुका था. जब उसका अंतिम समय आया तो मृत्यु के डर से वह सहमा हुआ अंगिरा ऋषि के पास पहुंचा. क्रोधना ने महर्षि से बोला - मैंने जीवन भर पाप कर्म ही किए हैं, मुझे नर्क जाना पड़ेगा. आप ऐसा कोई उपाय बताएं, जिससे मेरे सारे पाप मिट जाएं और मोक्ष की प्राप्ति हो.
एकादशी व्रत से शिकारी के जघन्य पाप धुल गए
अंगिरा ऋषि ने उसे पापांकुशा एकादशी के महत्व के बारे में बताया और इस व्रत को रखने की बात कही. ऋषि के कहे अनुसार उसने व्रत रखकर विधि विधान से श्रीहरि की आराधना की. व्रत के प्रभाव से उसे समस्त पाप कर्म से छुटकारा मिल गया और उसे बैकुंठ की प्राप्ति हुई. पापांकुशा एकादशी के व्रत में भूलकर भी क्रोध नहीं करना चाहिए. वरना पूजा-व्रत का फल नहीं मिलता.
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