Papmochani Ekadashi 2024: 5 अप्रैल 2024 को पापमोचनी एकादशी का व्रत है. ये चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी होगी. मान्यता है इस दिन श्रीहरि की पूजा और 24 घंटे का निराहार व्रत रखने वालों को समस्त प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है.
शास्त्रों के अनुसार एकादशी वो तिथि है जिसके फलस्वरूप साधक का शरीर और मन शुद्ध होता है और साथ ही सभी मनचाही इच्छाएं भी पूरी होती हैं. इस बार पापमोचनी एकादशी पर शुभ योग का संयोग बन रहा है जिससे व्रती को पूजा का दोगुना लाभ मिलेगा.
पापमोचनी एकादशी 2024 शुभ योग (Papmochani Ekadashi 2024 Shubh Yoga)
इस साल पापमोचनी एकादशी पर साध्य योग बनेगा. इसके अलावा इस दिन कुंभ राशि में शनि और मंगल की युति से होगी है. साथ ही सूर्य और शुक्र मीन राशि में एक साथ होंगे जिससे राजभंग योग बनेगा. ऐसे में व्रती को पापमोचिनी एकादशी व्रत से सभी प्रकार की मानसिक और शारीरिक समस्या दूर होगी. आरोग्य, संतान प्राप्ति और नौकरी में सफलता की कामना पूर्ण होगी.
पापमोचनी एकादशी 2024 पूजा मुहूर्त (Papmochani Ekadashi 2024 Puja Muhurat)
- चैत्र कृष्ण एकादशी तिथि शुरू - 4 अप्रैल 2024, शाम 04.14
- चैत्र कृष्ण एकादशी तिथि समाप्त - 5 अप्रैल 2024, दोपहर 01.28
- विष्णु पजा समय - सुबह 07.41 - सुबह 10.49
- व्रत पारण समय - सुबह 06.05 - सुबह 08.37 (6 अप्रैल 2024)
पापमोचनी एकादशी व्रत कैसे रखें
एकादशी व्रत दो प्रकार से रखा जाता है निर्जल और फलाहारी. निर्जल व्रत पूर्ण रूप से स्वस्थ व्यक्ति को ही रखना चाहिए. अन्य लोग फलाहारी उपवास रख सकते है. इस व्रत में दशमी को सात्विक आहार ग्रहण करना चाहिए. एकादशी की सुबह नदी या सरोवर में पवित्र स्नान करना चाहिए. फिर फूल, चंदन का लेप, अगरबत्ती और भोग विष्णु जी को अर्पित कर पूजन करें. इसके बाद श्रीमद्भगवदगीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ करें. पापमोचनी एकादशी व्रत की कथा सुनें. इस दिन अगर रात्रि जागरण करके श्रीहरि की उपासना की जाए तो हर पाप का प्रायश्चित हो सकता है. अगले दिन दान देकर व्रत का पारण करें.
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