पापमोचनी एकादशी का अर्थ सभी पापों को मुक्त करने वाली एकादशी है. ये चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है और आज मनाई जा रही है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सभी तरह के पापों का नाश हो जाता है. इसलिए इस दिन व्रत रखने के साथ जिस चीज की भी कामना की जाती है, उस मनोकामना को भगवान विष्णु जरूर पूरा करते हैं. इसके अलावा इस व्रत से ब्रह्महत्या जैसे महापाप भी दूर हो जाते हैं. साथ ही व्रत की कथा पढ़ने या सुनने से ही 1000 गौदान के बराबर का पुण्य मिलता है. वहीं ये एकादशी ना सिर्फ पापों से मुक्ति देती है बल्कि बिजनेस में प्रॉफिट, आर्थिक स्थिति को मजबूत करना, नौकरी में प्रमोशन मिलने में सहायक है.
पूजा का मुहुर्त
पापमोचनी एकादशी के दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त-
- एकादशी तिथि 07 अप्रैल को सुबह 2 बजकर 10 मिनट से शुरू होगी
- एकादशी तिथि 08 अप्रैल सुबह 2 बजकर 29 मिनट पर खत्म होगी
- एकादशी व्रत पारण मुहूर्त: 08 अप्रैल गुरुवार दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से शाम 04 बजकर 11 मिनट तक रहेगा.
पापमोचनी एकादशी के दिन क्या उपाय करने चाहिए
- बिजनेस में सफलता पाने के लिए मनुष्य को 11 गोमती चक्र और 3 छोटे एकाक्षी नारियल को मंदिर में चढ़ाना चाहिए और धूप से इनकी पूजा करनी चाहिए. इसके बाद एक पीले रंग का कपड़ा लें और गोमती चक्र और एकाक्षी नारियल बांधकर अपने ऑफिस में रख दें.
- नौकरी में प्रमोशन पाने के इच्छुक लोग कच्चा नारियल और 8 बादाम भगवान विष्णु जी के मंदिर में चढ़ा दें.
- घर में सुख शांति बनी रहे इसके लिए पापमोचनी एकादशी पर भगवान विष्णु का ध्यान करें और भजन कीर्तन करते रहें. वहीं अगर इस एकादशी की रात में जाग कर भगवान विष्णु की पूजा की जाए तो हजार सालों की तपस्या का फल मिलता है.
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