Adhik Maas Ekadashi 2020: पंचांग के अनुसार 13 अक्तूबर 2020 को मंगलवार के दिन आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी की तिथि को परम एकादशी कहा जाता है. परम एकादशी अधिक मास की अंतिम एकादशी है. एकादशी के व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है. अधिक मास भगवान विष्णु को समर्पित होने के कारण इस एकादशी व्रत का विशेष महत्व माना गया है.
एकादशी का व्रत सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है. भगवान कृष्ण ने महाभारत में स्वयं युधिष्ठिर और अर्जुन को एकादशी व्रत के बारे में बताया था. एकादशी का व्रत सभी प्रकार के पापों को दूर करने वाला और मोक्ष प्रदान करने वाला व्रत माना गया है.
परम एकादशी का महत्व
मान्यता है कि परम एकादशी पर विधि पूर्वक व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष आर्शीवाद प्राप्त होता है. यह एकादशी परम दुर्लभ सिद्धियों को प्रदान करती है इसीलिए इसे परम एकादशी कहा जाता है. परम एकादशी का व्रत रखने से जीवन में आने वाली सभी परेशानियों को दूर करता है और सुख समृद्धि लाता है. परम एकादशी के दिन दान का भी विशेष महत्व है इस दिन स्वर्ण, विद्या संबंधी दान, अन्न, भूमि, और गौदान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है.
परमा एकादशी व्रत की विधि
मान्यता है कि परमा एकादशी व्रत को विधि पूर्वक करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है. परम एकादशी व्रत एक कठिन व्रत है. इसे निर्जला व्रत भी कहा गया है. व्रत के दौरान भगवत चरणामृत लिया जाता है. एकादशी की तिथि पर व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. व्रत का पारण करने से पूर्व दान आदि का कार्य करना चाहिए.
परम एकादशी व्रत मुहूर्त
12 अक्टूबर 2020: एकादशी तिथि प्रारंभ 04 बजकर 38 मिनट से
13 अक्टूबर 2020: एकादशी तिथि समाप्त दोपहर 02 बजकर 35 मिनट तक
14 अक्टूबर 2020: परम एकादशी पारणा मुहूर्त प्रातः 06:21:33 से 08:39:39 तक
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