Parama Ekadashi Vrat 2020: पंचांग के अनुसार 12 अक्टूबर 2020 से एकादशी तिथि का आरंभ हो चुका है. इस समय अधिक मास चल रहे हैं. अधिक मास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. पुरुषोत्तम मास में भगवान विष्णु की पूजा को अति शुभ माना गया है. क्योंकि पुरुषोत्तम मास भगवान विष्णु को समर्पित है.


अधिक मास को भगवान विष्णु का महीना भी कहा जाता है. परम एकादशी को अधिक मास की अंतिम एकादशी माना जाता है. पंचांग के अनुसार आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को परम एकादशी कहा जाता है. इस एकादशी को बहुत ही श्रेष्ठ और शुभ फल प्रदान करने वाला माना गया है.


परम एकादशी का महत्व
परम एकादशी व्रत को सभी एकादशी व्रतों में विशेष माना गया है. ऐसी मान्यता है कि परम एकादशी सभी प्रकार की सिद्धियों की दाता है. इस दिन विधि पूर्वक भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से सभी प्रकारों के पापों से मुक्ति मिलती है. जीवन धन दौलत और यश वैभव प्राप्त होता है.


ग्रहों की अशुभता को दूर होती है
परम एकादशी के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि जिन लोगों के जीवन में अशुभ ग्रहों के कारण बाधा और परेशानी बनी हुई यदि वे परम एकादशी का व्रत रखते हैं और दान आदि का कार्य करते हैं तो ग्रहों की अशुभता दूर होती है.


परम एकादशी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि का प्रारंभ 12 अक्टूबर दिन सोमवार को शाम 04 बजकर 38 मिनट पर हो रहा है, जो 13 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 35 मिनट तक रहेगी. लेकिन व्रत 13 अक्टूबर को ही रखा जाएगा और पूजा भी इसी दिन की जाएगी. एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के समापन से पूर्व करना अच्छा माना गया है.


एकादशी का पारण मुहूर्त
पंचाग के अनुसार द्वादशी तिथि का समापन 14 अक्टूबर को दिन में 11 बजकर 51 मिनट पर हो रहा है. इसलिए व्रत के पारण का समय 14 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 21 मिनट से सुबह 08 बजकर 40 मिनट तक है.


Chanakya Niti: इन तीन बुरी आदतों से व्यक्ति जीवन में नहीं हो पाता है सफल, जानिए आज की चाणक्य नीति