नई दिल्ली: एग्जाम सीजन शुरू होने जा रहा है. लेकिन बच्चों के साथ साथ माता पिता के चेहरे पर भी तनाव दिखाई देने लगा है. एग्जाम को लेकर तनाव आना स्वभाविक है. क्योंकि माता पिता के लिए एग्जाम बच्चों के भविष्य जुड़ा है वहीं बच्चों के लिए एग्जाम करियर और नॉलेज से जुड़ा है. इसलिए इन दिनों एग्जाम का तनाव अधिकतर घरों में दिखाई देने लगा है. आपके घर में भी अगर इस तरह का माहौल बना हुआ है तो इसे कम कर सकते हैं. कल का दिन इसके लिए बहुत ही शुभ और उत्तम है.
चंद्रमा मन का कारक है. इसे चंचल ग्रह भी कहा गया है. बच्चे चंद्रमा के प्रभाव में अधिक होते हैं इसीलिए उनमें चंचलता पाई जाती है. जिस कारण वे शरारती होते हैं और एक जगह टिक कर नहीं बैठते हैं. यही कारण है कि माता पिता बच्चों की इस आदत से परेशान रहते हैं. खास तौर पर तब जब एग्जाम सिर पर हों. इन दिनों अभिभावकों की जुबान पर यही बात रहती है कि उनके बच्चे पढ़ाई नहीं करते हैं, उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता है. बच्चों की इस आदत के चलते कभी कभी माता पिता भी टेंशन में आ जाते हैं. इसीलिए कई अभिभावक बच्चों के एग्जाम नजदीक आते ही आफिस से छुट्टी ले लेते हैं. कभी कभी तो बच्चों से अधिक माता पिता परेशान नजर आते हैं.
एस्ट्रोलॉजर शिल्पा राना का मानना है कि ऐसी स्थिति से बचना चाहिए. पहले तो एग्जाम को लेकर तनाव को कम करें. इसके लिए सबसे बेहतर यही है कि बुधवार को प्रदोष व्रत के दिन माता पिता में से कोई भी एक व्रत रखे. दोनों व्रत रखते हैं तो यह सर्वोत्तम है. संतान के लिए यह बहुत ही शुभ होगा. प्रदोष व्रत का संबंध भगवान शिव और चंद्रमा से है.
जानें इसके पीछे की कथा
एक बार चंद्रमा जब गंभीर रोग से पीड़ित हो गए तो भगवान शिव ने उनके इस कष्ट को दूर कर दिया. उनका कष्ट 13 दिन बाद दूर हुआ था. बुधवार की तिथि त्रयोदशी है. इस दिन त्रयोदशी भी है. बुधवार का संबंध भगवान गणेश से होता है. गणेश जी को बुद्धि का प्रतीक माना गया है. इसलिए यह प्रदोष व्रत स्कूल जाने वाले बच्चों और उनके माता पिता के लिए बहुत ही शुभ है. इसदिन व्रत और पूजा करने से कई गुना लाभ मिलता है.
माता-पिता क्या करें
भगवान शिव की पूजा करें, व्रत के दौरान अन्न का सेवन न करें. शिव चालीसा और शिव मंत्रों का जप करने से विशेष लाभ मिलेगा. शिवलिंग पर जल में गंगा जल मिलाकर चढ़ाएं. रुद्राभिषेक करने से भी दोष दूर होंगे. बच्चों पर चंद्रमा के अशुभ प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी. तनाव कम होगा.
बच्चे क्या करें
इस दिन बच्चे सुबह उठकर माता पिता के पैर छूकर आर्शीवाद लें. स्नान करने के बाद भगवान शिव और भगवान गणेश जी की पूजा करेंं. गणेश जी की आरती करें. संभव हो तो गणेश जी के मंदिर में पूजा करें. गणेश जी की कथा सुनाएं. इससे शरारत में कमी आएगी और पढ़ाई में मन लगेगा.
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