Paris Olympics 2024: ओलंपिक खेलों को लेकर दुनियाभर के लोगों में खासा उत्सव देखने को मिलता है. यह दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल है, जिसका आयोजन हर चार साल में किया जाता है.


इस वर्ष 26 जुलाई 2024 से ओलंपिक की शुरुआत हो रही है. ओलंपिक की मेजबानी इस साल पेरिस करने वाला है. हर एथलीट खिलाड़ी (Athlete Player) का सपना होता है कि वह ओलंपिक में हिस्सा ले और मेडल जीतकर अपने देश का नाम रोशन करे.


ओलंपिक खेल का प्राचीन और समृद्ध इतिहास


ओलपंकि खेलों का इतिहास बहुत समृद्ध रहा है. प्राचीन ओलंपिक खेल पश्चिमी पेलोपोनीज में ओलंपिया (Olympia) के पवित्र धार्मिक स्थल पर आयोजित होते थे, जोकि ग्रीक धर्म के सर्वोच्च देवता जीउस (Zeus) के सम्मान में आयोजित किया जाता था.


बताया जाता है कि इसकी शुरुआत 776 ईसा पूर्व में ओलंपिया के प्राचीन ग्रीक अभयारण्य में हुई थी और यह 393 ईस्वी तक चला. हालांकि शुरुआत में केवल 210 गज लंबी दौड़ लगानी होती थी. इसके बाद अधिक आयोजन जुड़ते गए, इसका अनुमान आप आज आधुनिक समय के ओलंपिक खेलों से लगा सकते हैं.


210 गज लंबी दौड़ के बाद डायुलोस आया, जिसमें 400 मीटर की दौड़ लगाना था, फिर डोलिचोस जिसमें 1500 से 5000 मीटर तक लंबी दौड़ लगानी होती थी. फिर कुश्ती, पेंटाथलॉन, लंबी कूद, मुक्केबाजी, पैन्क्रेशन (मुक्केबाजी और कुश्ती का मिश्रण), टेथ्रिपोन, डिस्कस थ्रो, कल्पे, भाला फेंक आदि शामिल किए गए. समय-दर-समय जैसे-जैसे आयोजनों की संख्या में इजाफा हुआ ओलंपिक का उत्सव भी बढ़ता गया.


क्यों 1500 साल के लिए बंद हो गया था ओलंपिक खेल?


ओलंपिक खेल वर्षों तक जारी रहे और खेल का विकास-विस्तार होता रहा. लेकिन 393 ईस्वी में इसका आखिरी ओयजन हुआ. क्योंकि इसके बाद रोमन सम्राट थियोडोसियस प्रथम (Roman Emperor Theodosius I) ने आदेश देकर ग्रीक ओलंपिक खेल समेत सभी पंथ प्रथाओं पर रोक लगा दी. यह भी कहा जाता है कि, थियोडोसियस प्रथम ने ईसाई धर्म को बढ़ावा देने के लिए भी ओलंपिक खेल पर प्रतिबंध लगाया था.


ग्रीक ओलंपिक पर प्रतिबंध लगाने का एक कारण यह भी बताया जाता है कि, चौथी शताब्दी ईस्वी में ओलंपिक का आयोजन एक उत्सव की तरह होता था. इसमें सभी धर्मों के लोग हिस्सा लेते थे और मूर्ति पूजन भी किया जाता है. सम्राट थियोडोसियस प्रथम में उस समय ओलंपिक समेत ऐसे सभी त्योहार और आयोजनों पर रोक लगा दिए, जिसमें मूर्ति पूजन होते थे. इस तरह ओलंपिक खेल (Olympics Games) बंद हो गया और करीब 1500 सालों तक ओलंपिक का आयोजन नहीं हुआ.


हालांकि बाद में 19वीं शताब्दी में फिर से इन खेलों का आयोजन हुआ. फ्रांस के बैरोन पियरे डी कुवर्तेन (Baron Pierre de Coubertin) की पहल से फिर से इन खेलों की शुरुआत हो सकी. कुवर्तेन ने ग्रीस की राजधानी एथेंस में 1896 में पहली बार आधुनिक ओलंपिक खेल का आयोजन किया. 


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