Olympics 2024: ओलंपिक मशाल किसका प्रतीक है? हिंदू धर्म में ये किस बात को दर्शाता है
Paris Olympics 2024: ओलंपिक दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल है. इसमें कई देशों के एथलीट (Athlete) खिलाड़ी भाग लेते हैं. ओलंपिक की शुरुआत मशाल जलाने के साथ होती है. ये मशाल सूर्य की किरणों से जलाई जाती है.
Paris Olympics 2024: ओलंपिक खेलों में मशाल जलाने की परंपरा काफी पुरानी है. ओलंपिक खेल की शुरुआत मशाल जलाने के साथ होती है, जिसे ग्रीस में जलाया जाता है. ग्रीस में जलाए इस मशाल को एक मशालवाहक से दूसरे मशालवाहक तक पहुंचाया जाता है और अंत में यह उस शहर में पहुंचता है, जहां खेल का आयोजन हो रहा हो.
जैसा कि इस बार 2024 में ओलंपिक खेल का आयोजन फ्रांस के पेरिस में होगा. बता दें खेलों के महाकुंभ (Mahakubh) ओलंपिक का आयोजन हर चार वर्ष में होता है. इस बार 26 जुलाई से पेरिस में इसकी शुरुआत होगी और 11 अगस्त 2024 को ओलंपिक खेल का समापन होगा.
बता दें कि पेरिस ओलंपिक 2024 के मशाल रिले के लिए पहली मशाल 16 अप्रैल 2024 को प्राचीन परंपरा के अनुसार ग्रीस के ओलंपिया के अभयारण्य में आयोजित समारोह के दौरान सूर्य की किरणों से जलाई गई. इस स्थान पर प्रचानी खेल अयोजित किए जाते थे.
यूनान के प्राचीन ओलंपिया में ओलंपिक मशाल प्रज्जवलित किए जाने के बाद जुलाई में होने वाले पेरिस ओलंपिक खेलों की औपचारिक शुरुआत रंगारंग और पारंपरिक समारोह के साथ होगी. लेकिन क्या आप जानते हैं ओलंपिक खेलों में मशाल क्यों जलाई जाती है, ये कितनी पुरानी प्रथा है और यह किस बात का प्रतीक है. आइये जानते हैं इसके बारे में-
क्यों जलाई जाती है ओलंपिक मशाल
ओलंपिक खेलों में मशाल जलाने की परंपरा काफी पुरानी है. इसे सूर्य (Surya) की किरणों से जलाया जाता है. इसका कारण यह है कि प्राचीन धार्मिक मान्यता अनुसार सूर्य की किरणों को बहुत पवित्र माना जाता था. इसलिए प्राचीन समय से ही सूर्य की किरणों से मशाल जलाकर खेलों की शुरुआत की जाती थी. आधुनिक समय में भी ओलंपिक खेल में इसी तरह से मशाल जलाया जाता है.
ओलंपिक में मशाल जलाने की धार्मिक परंपरा
ओलंपिक मशाल को प्राचीन समय की तरह आज भी ग्रीस के हेरा मंदिर में प्राचीन कालीन समारोह में पुराने तरीके से जलाया जाता है. मशाल जलाने के लिए हेरा मंदिर के अवशेष के पास ग्रीक पुजारियों की वेशभूषा में अभिनेत्रियां दर्पण (पैराबोलिक कांच) और सूर्य (Surya) की किरणों का इस्तेमाल करती हैं.
ओलंपिक मशाल क्या है (What is Olympic Flame)
ओलंपिक मशाल वह मशाल है जिसे IOC (International Olympic Committee) के अधिकारों के तहत जलाया जाता है. ओलंपिक का मशाल उन सकारात्मक मूल्यों की अभिव्यक्ति है जिसे मनुष्यों ने हमेशा अग्नि के प्रतीकवाद के साथ जोड़ा है. इस तरह से मशाल प्राचीन और आधुनिक खेलों के बीच की कड़ी बनाता है.
ओलंपिक खेलों के उद्घाटन से कुछ समय पूर्व ग्रीस के ओलंपिया (Olympia) शहर में एक मशाल जलाई जाती है. ओलंपिया वह प्राचीन स्थान है जो प्राचीन ओलंपिक खेलों के इतिहास से जुड़ा है. ओलंपिया से मशाल जलाने के बाद इसे मेजबान शहर तक ले जाया जाता है.
ओलंपिक का मशाल किसका प्रतीक है (what symbol of Olympic Flame)
ओलंपिक मशाल ओलंपिक खेलों में सबसे महत्वपूर्ण प्रतीकों में एक माना जाता है. ओलंपिक मशाल को आशा, शांति और एकता का प्रतीक माना जाता है. ओलंपिक मशाल जलाने का अर्थ है ओलंपिक खेलों की शुरुआत करना.
ओलंपिक मशाल या किसी भी तरह का मशाल हर तरह से प्रतीकात्मक हैं. अग्नि को अलग-अलग संस्कृतियों में ज्ञान और जीवन का प्रतीक माना जाता है. क्योंकि इसके बिना मानव जीवन का विकास वैसा नहीं होता जैसा है. यह भी कहना गलत नहीं होगा कि, अग्नि के बिना मानव जीवन संभव नहीं होता. ओलंपिक मशाल के लिए जलाई गई ज्योति भी इससे अलग नहीं है. यह जीवन और अत्मा के प्रकाश और ज्ञान की खोज का प्रतीक है.
हिंदू धर्म में मशाल किस बात को दर्शाता है
- अग्नि, वायु, जल, आकाश और पृथ्वी. सृष्टि के इन पांच तत्वों में हिंदू धर्म में अग्नि का सबसे अधिक महत्व बताया जाता है. क्योंकि यह प्रभावशाली होने के साथ ही विनाशकारी शक्ति भी है. यह ऊर्जा, ताप और प्रकाश का प्रतीक है.
- हिंदू धर्म शास्त्रों में अग्नि के 49 प्रकार बताए गए हैं. इनमें हर कार्य के लिए अग्नि का विशेष स्थान होता है.
- ओलंपिक के लिए जो मशाल जलाई जाती है वह एक देश से दूसरे देश भेजा जाता है. इस तरह से दुनियाभर के एथलीट इसे अपने साथ ले जाते हैं. जोकि एकता और सद्भावना को दर्शाता है.
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