Parivartini Ekadashi Shubh Muhurat: शुक्रवार का दिन लक्ष्मी जी (laxmi ji puja on friday) को समर्पित है. इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा-पाठ और व्रत आदि करने से मां की कृपा बनी रहती है. लेकिन आज ही के दिन परिवर्तिनी एकादशी भी है. एकादशी का दिन भगवान विष्णु जी (ekadashi vrat for bhagwan vishnu) को समर्पित है. ऐसे में मां लक्ष्मी जी की पूजा का विशेष योग बन रहा है. इस दिन अगर शुभ मुहूर्त के अनुसार लक्ष्मी मां (Shubh muhurat of laxmi puja) की पूजा-अर्चना की जाए तो जिंदगी भर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. घर में धन की कमी नहीं होती और सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है.
पंचाग के अनुसार आज भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष तिथि की एकादशी है, जो कि शुक्रवार को होने के कारण शुभ योग लेकर आई है. बता दें कि आज चंद्रमा मकर राशि में गोचर कर रहा है. दूसरी ओर आज श्रवण नक्षत्र है, जो कि काफी शुभ माना जाता है. शास्त्रों में मां लक्ष्मी को भगवान विष्णु जी की पत्नी बताया गया है. ऐसे में आज के दिन दोनों की विधिवत्त पूजा करना फलदायी होगा.
पूजा का शुभ मुहूर्त (puja shubh muhurat)
लक्ष्मी मां की पूजा का शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग आज, 17 सितंबर 2021 सुबह 06:07 मिनट से 18 सितंबर 2021, शनिवार को सुबह 03:36 मिनट तक है.
मां लक्ष्मी की पूजा विधि (maa laxmi puja vidhi)
कहते हैं मां लक्ष्मी की पूजा अगर शुक्रवार के दिन की जाए तो अच्छा होता है. शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी मां साफ स्थान पर ही निवास कर करती हैं इसलिए पूजन से पहले पूजा स्थल को अच्छे से साफ कर लें. एक चौकी पर साफ कपड़ा बीछा कर मां की मूर्ति स्थापित करें. इसके बाद मां को धूप-दीप, फूल आदि अर्पित करें और व्रत की कथा करें. मां को भोग लगाएं और आरती करें. मां की पूजा-अराधना सुबह-शाम करें. कहते हैं कि इस दिन मां की आरती विशेष तौर से लाभदायी होती है. इतना ही नहीं, ध्यान रखें कि पूजा में देवी लक्ष्मी मां की प्रिय चीजों को अवश्य शामिल करें. शाम को मां की आरती के बाद घर के मेन गेट पर घी का दीपक जरूर जलाएं. और आखिर में प्रसाद वितरित करें. वहीं, अगर आपने इस दिन व्रत रखा है तो व्रत को विधि-पूर्वक पूर्ण करें.