Parsuram Jyanti 2020: पुराणों में भगवान परशुराम को चिरंजीवी बताया गया है. परशुराम जी की उपस्थिति की कथाएं सतयुग से लेकर त्रेता और द्वापर युग में मिलती है. इनके बारे में कहा जाता है कि भगवान परशुराम जी को क्रोध बहुत जल्दी आता है. इसी क्रोध के चलते उन्होंने एक बार गणेश जी का एक दांत तोड़ दिया जिसके बाद भगवान गणेश जी एकदंत कहलाने लगे.


भगवान परशुराम की जयंती बैसाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है. पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष का आरंभ हो चुका है और 25 अप्रैल से तृतीया तिथि का आरंभ होने जा रहा है. 26 अप्रैल को परशुराम जी की जयंती मनाई जाएगी. लेकिन इस समय पूरे देश में लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है. इसलिए इस दिन घर पर ही भगवान परशुराम जी की पूजा की जाएगी.


भगवान परशुराम की पूजा
इस दिन सुबह स्नान करने के बाद मंदिर और पूजा आसन को शुद्ध करने के बाद भगवान परशुराम जी को पुष्प और जल अर्पित करें और उनका आव्हान करें. मान्यता है कि भगवान परशुराम विष्णु के ऐसे अवतार हैं जो हनुमानजी और अश्वत्थामा की तरह सशरीर पृथ्वी पर उपस्थित हैं. भगवान परशुराम को न्याय का देवता भी कहा जाता है.


श्रीराम और श्रीकृष्ण से संबंध
त्रेतायुग में भगवान राम ने जब शिव धनुष को तोड़ा तो परशुराम जी महेंद्र पर्वत पर तपस्या में लीन थे. लेकिन जैसे ही उन्हें धनुष टूटने का पता चला तो क्रोध में आ गए. लेकिन जब उन्हें प्रभु श्रीराम के बारे में मालूम हुआ तो उन्होंने श्रीराम को प्रणाम किया बाद में श्रीराम ने परशुराम जी को अपना सुदर्शन चक्र भेट किया और बोले द्वापर युग में जब उनका अवतार होगा तब उन्हें इसकी जरूरत होगी. इसके बाद जब भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापर में अवतार लिया तब परशुरामजी ने धर्म की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण को सुदर्शन चक्र  वापिस कर दिया.


Parshuram Jayanti 2020: अक्षय तृतीया को है भगवान परशुराम की जयंती, भगवान शिव के थे परमभक्त