Paush Purnima 2023: आज 6 जनवरी 2023 को नए साल की पहली पूर्णिमा है. ये पौष पूर्णिमा कहलाएगी. प्रयागराज में पौष पूर्णिमा के पहले स्नान से माघ मेले की शुरुआत हो चुकी है. महाशिवरात्रि तक संगमतट पर कल्पवास किया जाएगा. पौष पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की कथा का विधान है इससे घर में सुख-शांति आती है और वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है.


इसी दिन शाम को चंद्रमा की पूजा और रात में चंद्रमा को अर्घ्य देना शुभ फलदायी होता है.  पूर्णिमा तिथि का स्वामी चंद्रमा को माना जाता है. इस दिन चंद्रदेव की पूजा करने से मानसिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है. पौष पूर्णिमा पर इस साल भद्रा का साया भी है, आइए जानते हैं पौष पूर्णिमा पर भद्रा का समय और उपाय.


पौष पूर्णिमा पर स्वर्ग भद्रा (Paush Purnima Bhadra)


पौष पूर्णिमा के दिन आज भद्रा सुबह 07 बजकर 15 मिनट से भद्रा लग रही है, जिसका समापन दोपहर 03 बजकर 24 को होगा. भद्रा को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माना जाता है लेकिन पौष पूर्णिमा पर स्वर्ग की भद्रा लगेगी, जो अशुभ नहीं मानी जाती है. शनि की बहन भद्रा पृथ्वी, स्वर्ग और पाताल तीनों लोकों में भ्रमण करती है. शास्त्रों में कहा गया है कि स्वर्गे भद्रा शुभं अर्थात जब भद्रा स्वर्ग में होती है तो शुभ फल प्रदान करती है. स्वर्ग लोक की भद्रा का पृथ्वी पर तो कोई असर पड़ता है.


पौष पूर्णिमा के उपाय



  • पूर्णिमा के दिन चंद्रमा संपूर्ण होता है. इस दिन सूर्य और चंद्रमा समसप्तक होते हैं. पौष पूर्णिमा के दिन रात में चांद की रौशनी में 10 मिनट तक एक टक चंद्रमा को देखने से आंखों की ज्योति तेज होती है.

  • पूर्णिमा पर आज मां लक्ष्मी की पूजा में 11 कौड़ियों पर हल्दी का तिलक कर धन की देवी के चरणों में रखें. अगले दिन सुबह इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख लें. मान्यता है इससे धन की कमी नहीं रहती.

  • गर्भवती स्त्रियों पूर्णिमा पर थोड़ी देर चन्द्रमा की चाँदनी में गुजारनी चाहिेए. कहते हैं कि अगर पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा की रोशनी गर्भवती महिला की नाभि पर पड़े तो गर्भ में पल रहा शिशु स्वस्थ रहता है.


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