Paush Putrada Ekadashi 2024: पौष पुत्रदा एकादशी 21 जनवरी 2024 को है. निसंतान दंपत्ति या फिर जिन महिलाओं को गर्भ धारण करने में परेशानी आ रही हो उन्हें इस दिन व्रत कर श्रीहरि और लक्ष्मी जी की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए.
शास्त्रों में कहा गया है कि पुत्रों के हाथों किया पिंडदान ही पूर्वजों को मोक्ष दिलाता है. पौराणिक मान्यता है कि संतान पाने के लिए पौष पुत्रदा एकादशी व्रत बहुत प्रभावशाली होता है. पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत करने वाले इस दिन कथा का जरुर श्रवण करें, इसके बाद ही व्रत-पूजन संपन्न माना जाता है.
पौष पुत्रदा एकादशी व्रत कथा
प्राचीन समय में भद्रावती नगरी में सुकेतुमान नाम का एक राजा राज्य करता था.उसकी पत्नी का नाम शैव्या था. सारी सुख-सुविधाएं होने के बाद भी राजा संतुष्ट नहीं था क्योंकि उसके कोई संतान नहीं थी. पुत्रहीन राजा के मन में इस बात की बड़ी चिंता थी कि उसके बाद उसे और उसके पूर्वजों को कौन पिंडदान देगा. उसे चिंता थी कि बिना पुत्र के पितरों और देवताओं से ऋण चुकता नहीं हो सकता.
एक दिन इन्हीं विचारों में डूबा हुआ वह घोड़े पर सवार होकर वन को चल दिया. वह पानी की तलाश में एक सरोवर के पास पहुंच जहां ऋषिगण भी मौजूद थे. राजा सरोवर के किनारे बैठे हुए ऋषियों को प्रणाम करके उनके सामने बैठ गया. राजा ने मुनियों को अपनी व्यथा बातई और कहा ऋषिगण मेरा भी कोई पुत्र नहीं है, यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो कृपा कर मुझे एक पुत्र का वरदान वीजिए. ऋषि बोले हे राजन, आज पुत्रदा एकादशी है. आप इसका उपवास करें. भगवान श्रीहरि की अनुकम्पा से आपके घर अवश्य ही पुत्र होगा.
राजा ने मुनि के वचनों के अनुसार उस दिन उपवास किया और द्वादशी को व्रत का पारण किया. भगवान श्रीहरि की कृपा से कुछ दिनों बाद ही रानी ने गर्भ धारण किया और नौ माह के पश्चात उसके अत्यंत वीर, धनवान, यशस्वी पुत्र को जन्म दिया. तभी से पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है.
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