Penumbral Lunar Eclipse 2023: आज दिखेगा पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण, जानें ये क्या होता है और इसका क्या असर पड़ेगा
Penumbral Lunar Eclipse 2023: 05 मई को वैशाख पूर्णिमा चंद्र ग्रहण लगने वाला है. ये पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण होगा. उपछाया चंद्र ग्रहण क्या है और ये कैसे लगता है. जानें पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण के बारे में
Chandra Grahan 2023 in India: आज 05 मई को वैशाख पूर्णिमा चंद्र ग्रहण लगने वाला है. ये उपछाया चंद्र ग्रहण होगा जिसे पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण भी कहा जाता है. इस ग्रहण की धार्मिक मान्यता नहीं होती है, इस कारण इसका सूतक भी नहीं है. ज्योतिशास्त्र की गणना के मुताबिक यह ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लगेगा.
इस चंद्र ग्रहण का कुल समय लगभग 4 घंटे और 15 मिनट का होगा. चंद्र ग्रहण कितने प्रकार के होते हैं, पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण क्या होता है और ये कैसे लगता है. आइए इन्हीं सवालों के जवाब जानते हैं.
पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण क्या है ? (Penumbral Lunar Eclipse 2023)
पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण (उपछाया चंद्र ग्रहण) के दौरान चांद के आकार में किसी भी तरह का कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिलता है. इस उपछाया चंद्र ग्रहण में चंद्रमा के सामने धूल जैसी परत दिखाई देती है. इसमें चंद्रमा आम दिनों की तरह नजर आता है, बस हल्का सा रंग मटमैला हो जाता है.
चंद्र ग्रहण क्यों लगता है ? (Chandra Grahan 2023 Time)
जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्र एक सीधी लाइन में आ जाते हैं और चंद्र पर पृथ्वी की छाया पड़ने लगती है तो चंद्र ग्रहण होता है. इस स्थिति में चंद्रमा का छाया वाले हिस्से में अंधेरा छा जाता है. ऐसे में जब हम पृथ्वी से चांद को देखते हैं तो वह हमेश काला दिखाई देने लगता है. इस घटना को ही चंद्र ग्रहण कहा जाता है. इसे खगोलीय घटना माना गया है. इस साल का पहला चंद्र ग्रहण रात 08.45 से लगेगा और इसकी समाप्ति देर रात 01.00 बजे होगी.
चंद्र ग्रहण तीन तरह के होते हैं (Types of Lunar eclipse)
- उपछाया ग्रहण - उपछाया चंद्र ग्रहण को पेनुमब्रल (Penumbral Lunar Eclipse), मांद्य ग्रहण भी कहा जाता है. पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण में पृथ्वी की सीधी छाया पूरी तरह चंद्र की सतह पर नहीं पड़ती. इसमें चंद्रमा सिर्फ धंधुला हो जाता है जो आसानी से देखा नहीं जा सकता. इस उपच्छाया चंद्र ग्रहण की धार्मिक मान्यता नहीं होती इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होता है.
- आंशिक चंद्र ग्रहण - जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा के कुछ हिस्से को ढक देती है तो चांद का कुछ हिस्सा काला होने से इसका एक भाग कटा हुआ दिखाई देता है, इसे आंशिक चंद्र ग्रहण कहते हैं.
- पूर्ण चंद्र ग्रहण - जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तब पृथ्वी की छाया से पूरा चांद ढक जाता है तो तब पूर्ण चंद्र ग्रहण होता है. पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा का रंग लाल दिखाई देने लगता है.
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