वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए कल का दिन खास, फुलेरा दूज पर कर लें ये आसान उपाय
हिंदू धर्म में देवगुरु बृहस्पति को मांगलिक कार्य का कारक माना गया है. फिल्हाल मांगलिक कार्यों पर रोक लगी हुई है. लेकिन, फुलेरा दूज के दिन कोई भी मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं.
हिंदू धर्म में देवगुरु बृहस्पति को मांगलिक कार्य का कारक माना गया है. इसमें शादि समेत सभी मांगलिक कार्य आते हैं. ऐसे में गुरु के अस्त होते ही शादी, सगाई, मुंडन. गृह प्रवेश आदि सभी तरह के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है.अभी फिल्हाल गुरु के अस्त होने के कारण मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकते. मान्यता है कि इस बीच कोई बहुक ही जरूरी कार्य करना हो, तो फुलेरा दूज के दिन कोई भी मांगलिक कार्य किया जा सकता है.
धार्मिक मान्यता है कि फुलेरा दूज का दिन मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम है. इस दिन का बर पल बहुत ही शुभ और दोषमुक्त होता है. फुलेरा दूज फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है. इस बार फुलेरा दूज 4 मार्च, शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी.इस दिन से होली की शुरुआत हो जाती है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने राधारानी के साथ फूलों की होली खेली थी. तब से ही ये पर्व मनाया जाता है.
फुलेरा दूज के दिन अगर वैवाहिक जीवन को खुशहाली बनाए रखने के लिए कुछ उपाय कर लिए जाएं, तो वैवाहिक जीवन में खुशियां आती है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण और राधारानी की कृपा प्राप्त होती है. आइए जानते हैं फुलेरा दूज के कुछ उपायों के बारे में.
प्रेम पाने के लिए
अगर आप किसी का प्यार पाना चाहते हैं या फिर उसे जीवनसाथी बनाना चाहते हैं, तो फुलेरा दूज के दिन स्नान आदि के बाद स्वच्छ वस्त्र पहन लें और मंदिर में एक भोजपत्र पर पीले रंग के चंदन से प्रेमी का नाम लिखकर राधा-कृष्ण के चरणों में अर्पित करें. और भगवान से प्रार्थना करें कि आपको उस शख्स से प्रेम मिले. इससे कुछ समय में सकारात्मक परिणाम मिलने लगेंगे.
पार्टनर के साथ झगड़े रहने पर
शादीशुदा जीवन में कोई समस्या चल रहा है या फिर जीवनसाथी से नहीं पटती. इस समस्या को दूर करने के लिए फुलेरा दूज उत्तम ऑप्शन है. इसके लिए भोजपत्र पर अपनी समस्या लिख दें और इस भोजपत्र को राधा-कृष्ण के चरणों में अर्पित करें. साथ ही अपने कष्ट दूर करने की प्रार्थना करें.
जीवनसाथी बात न सुनता हो
अगर आपका जीवनसाथी आपकी बात नहीं सुनता हो या फिर बात न मानता हो तो फुलेरा दूज के दिन एक गुलाबी रंग का बड़ा धागा लें और मंदिर जाएं. इस धागे को राधा-कृष्ण के चरणों में अर्पित कर प्रार्थना करें. इसके बाद घर आकर बेडरूम के बेड के चारों पावों में ये गुलाबी धागा बांध दें.
कहते हैं कि बेड के नीच साफ-सफाई का ध्यान रखें. और बेड के नीचे गंदगी इक्ट्ठी न होने दें. सोने के लिए ज्यादा तकीयों का इस्तेमाल न करें. इन सब बातों का ध्यान रखने से आपकी समस्या का समाधान हो जाएगा.
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