Kushagrahani Amavasya 2021: हिंदू धर्म में वैसे तो हर अमावस्या का महत्व होता है, परंतु कुशग्रहणी अमावस्या मंगलवार के दिन पड़ने के कारण इसका महत्व अत्यधिक हो जाता है. माना जाता है कि पिठौरी अमावस्या व्रत और पूजन से संतान की प्राप्ति भी होती है. पंचांग के अनुसार कल 7 सितंबर मंगलवार को पिठौरी या कुशग्रहणी अमावस्या है. हिंदू धर्म शास्त्रों में भाद्रपद मास की अमावस्या को पिठौरी अमावस्या या कुशाग्रहणी या कुशोत्पाटिनी अमावस्या कहते हैं.
चंद्रमा के उपाय
ज्योतिषीय गणना के अनुसार जब जन्म कुंडली के किसी भी भाव में चन्द्र केतु की युति का निर्माण हुआ हो या फिर केतु की स्थिति जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में हो, या केतु की दृष्टि चंद्रमा पर हो या फिर केतु के पक्के घर यानि जन्म कुंडली के छठे भाव में चंद्रमा की स्थिति हो. ग्रह की ऐसी स्थिति बने तो चंद्रमा का ग्रहण योग कहा जाता है. इसे दूर करने के लिए इस अमावस्या पर ये उपाय करने चाहिए.
- कुशग्रहणी अमावस्या को व्रत रखकर गंगाजी या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करें. उसके बाद दान पुण्य करें. अब भगवान शिव और माता पार्वती की विधि पूर्वक अर्चना करें. इससे भगवान शिव की कृपा से भक्तों के सभी संकट कट जायेंगे.
- पिठौरी अमावस्या के पावन दिन पर पितरों का तर्पण करें. ऐसा करने से उनका विशेष आर्शीवाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख- समृद्धि की वृद्धि होती है.
- हिंदू धर्म शास्त्रों में कुशग्रहणी अमावस्या के दिन किए गए दान-पुण्य के महत्व का अति विशिष्टता के साथ किया गया है. कहा गया है कि पिठौरी अमावस्या के दिन स्नान-दान करने से घर में सुख-शांति और खुशहाली आती है.
- कुशग्रहणी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और उसके बाद दान देने से लाभ कई गुना अधिक फलदायी होता है.
- कुशग्रहणी अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा- अर्चना करें और उनके मंत्रों का जाप करें. मान्यता है कि ऐसा करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.