Pitra Paksha 2022: केवल गया में ही नहीं बल्कि इन जगहों पर भी पिंडदान करने से पितरों को मिलता है मोक्ष
Pitra Paksha 2022, Pind Daan: पितृ पक्ष 25 सितंबर को समाप्त हो रहा है. इसमें पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और घर में शांति व समृद्धि आती है.
Pitra Paksha 2022 Puja, Pind Daan: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहते हैं, का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि, मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और घर में शांति व समृद्धि आती है. पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए पिंडदान करने के वास्ते धर्म ग्रंथों में कई तीर्थ स्थान (Pind Daan Places) बताये गए हैं.
मान्यताओं के मुताबिक, गया में पिंडदान करने से पितरों को स्वर्ग में स्थान प्राप्त होता है और वे जन्म-मरण के चक्र से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त करते हैं, परंतु केवल गया ही नहीं है जहां पिंडदान से पितरों को मोक्ष मिलती है. इसके अलावा ये स्थान भी हैं, जहां पितृ पक्ष में पिंडदान से पितृ की आत्मा संतुष्ट होती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. आइये जानें इन स्थानों (Pind Daan Places) के बारे में:-
पितृ पक्ष में पिंडदान के लिए गया का महत्व
हिंदू धर्म में गया में पिंड दान का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस जगह माता सीता ने राजा दशरथ को पिंडदान किया था. इसके अलावा गया में ही भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इसी लिए इसे बोध गया के नाम से जाना जाता है.
पितृ पक्ष में पिंडदान के लिए वाराणसी (Varanasi) का महत्व
हिंदू धर्म ग्रंथों में वाराणसी को मोक्ष की नगरी कहा जाता है. यहां भी पितृ पक्ष में विधि –पूर्वक पिंड दान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. पिंडदान के बाद भक्त वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन जरूर करते हैं.
पितृ पक्ष में पिंडदान के लिए हरिद्वार (Haridwar) का महत्व
हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे पितरों को तर्पण, पिंडदान करने का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. मान्यता है कि हरिद्वार में पितरों की मोक्ष प्राप्ति की पूजा विधि पूर्वक करने का विधान है. भक्त पिंडदान के बाद गंगा किनारे आरती और मंदिरों के दर्शन करते हैं.
पितृ पक्ष में पिंडदान के लिए उज्जैन (Ujjain) का महत्व
महाकाल की नगरी उज्जैन में क्षिप्रा नदी के किनारे पिंडदान की परंपरा बहुत पुरानी है. यहां पर 12वें ज्योतिर्लिंग की स्थापना की गई है.
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