Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में दूसरे दिन का श्राद्ध आज? इस दिन किन लोगों का करते हैं तर्पण और पिंडदान
Pitru Paksha 2024: श्राद्ध शुरू हो चुके हैं. 19 सितंबर को दूसरा श्राद्ध है. इस दिन किन लोगों का श्राद्ध और किन नियमों का पालन किया जाता है, आइए जानते हैं.
Pitru Paksha 2024 : पितृ पक्ष आश्विन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर अमावस्या तक चलती है. पितृपक्ष (Pitru paksha 2024) के दौरान लोग अपने पितरों को याद करते हैं. पूर्वजों द्वारा किए गए उपकारों के लिए उनका आभार जताते हैं. पितृपक्ष के दौरान खान-पान से लेकर, आचरण और व्यक्ति को कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान करने होते हैं. पितृपक्ष के दौरान नए कपड़ों को खरीदना या पहनना मना है. पितृपक्ष में किसी भी तरह का कोई शुभ काम नहीं किया जाता है. 19 सितंबर, 2024 गुरुवार के दिन पितृ पक्ष का दूसरा दिन या द्वितीय श्राद्ध है. आइए जानते हैं इसके बारे में
दूसरे दिन किसका श्राद्ध होता है?
19 सितंबर बुधवार के दिन उन पितरों का श्राद्ध होगा, जिनकी मृत्यु किसी महीने की द्वितीया तिथि को हुई थी. हिंदू पंचांग के मुताबिक दूसरे दिन शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों ही पक्षों की तिथि का श्राद्ध किया जा सकता है. जिन लोगों को अपने पिता की मृत्यु तिथि याद न हो, ऐसे लोगों को पितृ विसर्जन के दिन श्राद्ध करना चाहिए.
द्वितीया तिथि के लिए शुभ मुहूर्त (Pitru paksha Shubh Muhurat)
द्वितीया तिथि के श्राद्ध के लिए तीन शुभ मुहूर्त है. 19 सितंबर 2024, गुरुवार के दिन कुतुप मुहूर्त की शुरुआत सुबह 11:50 से शुरू होकर दोपहर 12:39 तक है. इसके बाद रौहिण मुहूर्त की शुरुआत दोपहर 12:39 से लेकर 1:28 मिनट तक रहेगा. वही अपराह्न काल का मुहूर्त 1:28 मिनट से शुरू होकर 3:54 मिनट तक है. द्वितीया श्राद्ध की समाप्ति 20 सितंबर 2024, शनिवार रात 12 बजकर 39 मिनट पर है.
द्वितीया श्राद्ध कर्म पर क्या करें ?
द्वितीया श्राद्ध के दिन लोगों को घर के मुख्य द्वार पर फूल का अर्पण करके पितरों का आह्वान करना चाहिए. इसके साथ ही यम के प्रतीक कौआ, कुत्ता और गाय का ग्रास (भोजन का एक भाग) निकालें. एक पात्र में पुष्प, दूध और जल लें. कुश और काले तिल से पात्र में रखें जल से अर्पण करें. ये सब अनुष्ठान करने के बाद ब्राह्मण को वस्त्रों, फल और मिठाई को दान करें.
श्राद्ध कौन कर सकता है?
ज्योतिष विद्या के अनुसार द्वितीया तिथि का श्राद्ध तीन पीढ़ी के लोग कर सकते हैं. इसे करने का अधिकार पुत्र, पौत्र, भतीजे और भांजे के पास है. पितृपक्ष (Pitru paksha 2024) में इस बार किसी भी दिन क्षय नहीं हैं. ऐसे में 16 दिन तर्पण और अर्पण किया जा सकता है. माना जाता है कि पितृपक्ष के दौरान पितृ अपने परिजनों के घर आते हैं.
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